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चित्रांशों ने भक्ति भाव के साथ की भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना…

सरायकेला:संजय मिश्रा

सरायकेला: चित्रांश परिवार की ओर से कला की नगरी सरायकेला में मंगलवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना कर सुख-शांति व समृद्धि की मंगलकामना की गई। इस अवसर पर सरायकेला नगर में चित्रगुप्त पूजा समिति हंसाहुडी एवं बजरंग पुजा समिति पटनायक टोला के तत्वावधान में हंसाहुड़ी व पट्टनायक टोला में रंगारंग विद्युत्त प्रकाश से सुसज्जित आकर्षक पंडाल में प्रतिमा स्थापित कर भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गई।

हंसाहुड़ी व पट्टनायक टोला में मंगलवार को पूजा समितियों के तत्वावधान में आयाजित चित्रगुप्त पूजा में श्रद्धालुओं ने सुख-समृद्धि की कामना करते हुए श्रद्धा व भक्ति के साथ अपने इष्टदेव भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। बजरंग पूजा समिति द्वारा पटनायक टोला में आयोजित चित्रगुप्त पूजा में काफी संख्या में कायस्थ समाज के लोगों ने भाग लिया। चित्रगुप्त परिवार के लोगों ने बताया कि चित्रगुप्त महाराज का पूजन सुख-समृद्धि एवं समाज के कल्याण हेतु किया जाता है।

इस मौके पर पूजा समिति द्वारा खीर-खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया। इसके अलावे मंगलवार को कायस्थ समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों में भी पारंपारिक रीति रिवाज के अनुसार कलम दवात की पूजा अर्चना की। बताया गया कि चित्रगुप्त पूजा के दिन कायस्थ समाज के लोग किसी प्रकार के लिखने पढ़ने का काम नहीं करते हैं। कायस्थ समाज द्वारा इस परंपरा को वर्षों से निभाते आ रहे हैं।

हंसाहुड़ी मोहल्ले में वर्ष 1981 से सार्वजनिक चित्रगुप्त पूजन उत्सव किया जा रहा है। जिसके तहत इस वर्ष भी सभी परंपराओं का निर्वहन करते हुए भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण समिति द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य रुप से समिति के संजीव दास, नीरज पटनायक, जयराज दास, शुभेंदु, रजत, रिंटू, छाटु, कान्हु, गणेश, राकेश सहित अन्य उपस्थित रहे।

घरों में भी धूमधाम से हुई पूजा:-
घरों में भी कायस्थ परिवार के लोगों ने विधि-विधान से भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की। चित्रगुप्त पूजा को लेकर मंगलवार को सुबह से लोग तैयारी में जुट गए। पवित्र होकर लोगों ने अक्षत, फूल आदि से विधिविधान से भगवान चित्रगुप्त की पूजा की। वर्ष भर के आय-व्यय का ब्यौरा भगवान के समक्ष रखा। इसके बाद विभिन्न तरह के पकवान, मिठाई तथा फल आदि के भोग चढ़ाए गए। ईख, आदि, शक्कर से बने रस को भगवान चित्रगुप्त को अर्पित किया गया। आरती के बाद परिवार के सदस्यों ने एक साथ मिलकर प्रसाद ग्रहण किया।

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