Spread the love

पहले जातीय जनगणना फिर सख्ती से लागू हो पेसा कानून: शीतल ओहदर…

 सरायकेला:संजय मिश्रा । देवेन्द्र सेवा संघ हॉल सोनारी पुर्वी सिंहभूम में टोटेमिक कुड़मी/कुरमी महतो समाज का एकदिवसीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का अध्यक्षता झारखंड आंदोलनकारी सह आदिवासी कुड़मी समाज के प्रवक्ता हरमोहन महतो ने किया। यह विचार गोष्ठी “पेसा कानून 1996” और कुड़मी जनजाति पर विशेष केंद्रित था। इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में कुड़मी समाज के अगुवा शीतल ओहदार ने अपना विचार रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने आदेश जारी किया है कि झारखंड में पेसा कानून सख्ती से लागू किया जाए। जिसका कुड़मी समाज तभी स्वीकार करेगी जब अनुसुचित क्षेत्र में संशोधन हो। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि रांची, जमशेदपुर और सरायकेला-खरसावां में बहुत ऐसे गांव हैं जहां कुड़मी बहुल होते हुए भी सेड्यूल एरिया होने के कारण गांव के प्रधान, मुखिया, पंचायत समिति, वार्ड तक को एसटी आरक्षित किया गया है,

Advertisements
Advertisements

यदि पेसा कानून को सख्ती से लागू किया गया तो इन जिलों में सबसे कुड़मी समाज सबसे अधिक प्रभावित होगा और यह कम्युनिटी दोयम दर्जा के रूप में रह जाएगा क्योंकि ग्राम सभा का निर्णय सर्वोपरि होगा और ग्राम सभा में हमारे समाज के लोगों की प्रतिनिधित्व नगन्य है। अध्यक्षीय भाषण देते हुए सभा अध्यक्ष हरमोहन महतो ने झारखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि पेसा कानून सख्ती से तभी लागू हो जब जातीय जनगणना पहले कराया जाए और संख्या के आधार पर अधिकार दिया जाए। उन्होंने यह भी मांग किया कि पेसा कानून में एकल पद आरक्षित है, जिसमें कुड़मी जनजाति को गजट में शामिल किया जाए और ग्राम सभा में उचित प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने सरकार से जोर देकर मांग रखा कि झारखंड अलग राज्य बनाने में सबसे अधिक कुर्बानी कुड़मी जनजाति ने दिया है। इसलिए कानून में संशोधन करके कुड़मी को अधिकार देते हुए सख्ती से इस कानून को लागू किया जाए। वरिष्ठ झारखंड आंदोलनकारी हरिशंकर महतो ने एक नारा बुलंद करते हुए कहा कि आगे कुड़मी एसटी पोरे पेसा कानून”। इस विचार गोष्ठी में शिक्षक सखीचंद महतो, केंद्रीय महासचिव सपन कुमार महतो, कुड़मी सेना संरक्षक शैलेंद्र महतो, भवतरण महतो, दानिसिंह महतो, खुदीराम महतो, अधिवक्ता काकोली महतो, कुमार ऋषि, डॉ तरुण कुमार महतो, डॉ देवाशीष महतो, राजू महतो, डब्लू महतो, दिलिप कुमार महतो, भुषण चंद्र महतो, सुनील महतो आदि ने विचार रखा।

विचार गोष्ठी में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि हर कुड़मी गांव में पेसा कानून के प्रति जागरूकता लाने के लिए इसका परिचर्चा कराया जाए। जिससे कि समाज के युवा भी इस कानून को भलि भांति समझ सके। इस विचार गोष्ठी में विकास महतो, रुप लाल महतो, सोना लाल महतो, मनोरंजन महतो, अघनु राम महतो, ललित मोहन महतो, सुभाष महतो, दिपक चौधरी, संदीप महतो, रावंति देवी, रविता देवी, लालो देवी, लबुलाल महतो, महावीर महतो, काशीनाथ महतो, जितमोहन महतो, विष्णु देव महतो ,अजय महतो, मनोज महतो, विकास महतो, अनित महतो, जयप्रकाश महतो, देवदीप महतो, धनंजय महतो, डीके महतो आदि मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

Advertisements

You missed