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जिले के चयनित विद्यालयों के चयनित कक्षाओं के लिए 3 नवंबर को होगा एसईएएस की परीक्षा परख…

सरायकेला:संजय मिश्रा

सरायकेला। आगामी 3 नवंबर को जिले के चयनित सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों में राज्य शिक्षा मूल्यांकन नियामक की परीक्षा परख का आयोजन किया जाएगा। उक्त परीक्षा चयनित विद्यालयों के चयनित कक्षाओं के लिए आयोजित की जाएगी। जिसके तहत सरायकेला प्रखंड के चयनित कुल 34 विद्यालयों में वर्ग 3, 6 तथा 9 के छात्र-छात्राओं के बीच राज्य शिक्षा मूल्यांकन नियामक (एसईएएस) की परीक्षा आयोजन किया जाएगा।

उक्त जानकारी देते हुए सरायकेला प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रबिकांत भकत ने बताया कि यह परीक्षा परख के देखरेख में संपन्न होगा। परख (PARAKH) का शाब्दिक अर्थ परखने की क्रिया या भाव; अच्छे-बुरे की समझ, योग्यता या पहचान जाँच, परीक्षण परीक्षा है।
In english the literal meaning of PARAKH is the action or feeling of testing; The test, the understanding, ability or recognition of good and bad.

राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद अर्थात National Council of Educational Research and Training (NCERT) भारत सरकार का एक स्वायत्त संगठन है और इसका स्थापना 1961 में विद्यार्थियों में समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण करने के लिए किया गया था। यह भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक यानी कि National Achivment Survey, परख को अधिसूचित किया है।

जिसका उद्देश्य सभी बोर्डों के लिए मूल्यांकन दिशानिर्देश स्थापित करना है। PARAKH यानि Performance Assessment, Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development हिंदी में इसे समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन, मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण के रूप में जाना जाता है।

क्या है परख:-
PARAKH एनसीईआरटी की एक घटक इकाई है। जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है, जिसमें नए मूल्यांकन पैटर्न और नवीनतम शोध के आधार पर स्कूल बोर्डों को सलाह और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मानक-निर्धारण निकाय की परिकल्पना की गई है।

PARAKH का कार्य:-
PARAKH तीन प्रमुख मूल्यांकन क्षेत्रों पर काम करता है। जिसके तहत बड़े पैमाने पर मूल्यांकन, स्कूल-आधारित मूल्यांकन और परीक्षा में सुधार करने के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) और राज्य उपलब्धि सर्वेक्षण (SAS) का आयोजन करता है।

PARAKH का उद्देश्य:-

समान मानदंड और दिशानिर्देश:
भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए छात्र मूल्यांकन और मूल्यांकन के लिए मानदंड, मानक और दिशानिर्देश निर्धारित करना।
मूल्यांकन पैटर्न को बढ़ाएं:
स्कूल बोर्डों को 21वीं सदी की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने मूल्यांकन पैटर्न को बदलने के लिए प्रोत्साहित और मदद करना।
मूल्यांकन में असमानता कम करें:
यह राज्य और केंद्रीय बोर्डों में एकरूपता लाएगा जो वर्तमान में मूल्यांकन के विभिन्न मानकों का पालन करते हैं, जिससे अंकों में व्यापक असमानताएं होती हैं।
मानक मूल्यांकन:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के परिकल्पना के अनुसार बेंचमार्क ( मानक ) मूल्यांकन की ढांचा तैयार करना है।

PARAKH का महत्व:
कॉलेज में प्रवेश के समय असमानता को दूर करना :
इससे कुछ राज्य बोर्डों के छात्रों को सीबीएसई स्कूलों में अपने साथियों की तुलना में कॉलेज प्रवेश के दौरान नुकसान होने की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।
इनोवेटिव (नवोन्मेषी) मूल्यांकन:
यह स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर परीक्षणों के डिजाइन, संचालन, विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिए तकनीकी मानकों को विकसित और कार्यान्वित करेगा।
समग्र दृष्टिकोण:
PARAKH का उद्देश्य शिक्षा के लिए एक समावेशी, भागीदारीपूर्ण और समग्र दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करना है, जो क्षेत्र के अनुभवों, अनुभवजन्य अनुसंधान, हितधारक प्रतिक्रिया, साथ ही सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखे गए सबक को ध्यान में रखते हुए कार्य करना।
प्रगतिशील बदलाव:
यह शिक्षा के प्रति अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ओर एक प्रगतिशील बदलाव करना।
बच्चे में क्षमता विकास करना –
निर्धारित संरचना के अनुसार संज्ञानात्मक विकास के चरणों के साथ-साथ सामाजिक और शारीरिक जागरूकता को पूरा करने में मदद करना।

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