वैश्विक सरायकेला छऊ कला के संरक्षण में सरकारी उदासीनता के संबंध में सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन…
सरायकेला:संजय मिश्रा
सरायकेला। सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल एसोसिएशन के अध्यक्ष शशांक शेखर महांती के नेतृत्व में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए वैश्विक सरायकेला छऊ कला के संरक्षण में सरकारी उदासीनता की जानकारी दी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सरायकेला रजवाड़े के भारतीय गणराज्य में विलय के समय तत्कालीन महाराजा स्वर्गीय आदित्य प्रताप सिंहदेव के साथ मर्जर एग्रीमेंट के तहत बिहार सरकार ने 60 के दशक में राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र की स्थापना कर संस्था के सफल संचालन के लिए पांच विभिन्न पदों की स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके बाद निदेशक पद पर नियुक्ति होती रही।
प्रदीप कर के और सामाजिक निधन के बाद शशधर आचार्य को नियुक्ति मिली। परंतु 80 के दशक में शशधर आचार्य अनिश्चितकालीन अवकाश पर बिना रेजिग्नेशन दिए दिल्ली चले गए। इसके करीब 2 साल बाद रिक्त पड़े निदेशक के पद पर एक सरकारी लिपिक तपन पटनायक को डेपुटेशन में प्रभारी निदेशक का पद मिल गया। और बिना नियुक्ति प्रक्रिया के उन्हें निर्देशक बना दिया गया। इसके साथ ही तपन पटनायक में कलाकार भाव कम और सरकारी कर्मचारी भाव ज्यादा दिखने के साथ सरायकेला छऊ का ग्राफ निश्चित रूप से गिरता चला गया। समय के साथ-साथ धीरे-धीरे कला केंद्र के पद रिक्त होते गए।
उनकी जगह रेगुलर नियुक्ति भी नहीं हुई। राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र शिक्षा अनुष्ठान कम सिर्फ किसी तरह महोत्सव के नाम पर आने वाली फंड की बंदरबांट संस्थान बनकर रह गया। और 2022 में तपन पटनायक की सेवानिवृत्ति के बाद से कला केंद्र में बाजा तक नहीं बजता है। चार-पांच करीबी लोगों को लेकर रिटायरमेंट के बाद भी तपन पटनायक कला केंद्र के आसपास मंडराते नजर आते हैं। साथ ही प्रशासन भी उन्हीं के माध्यम से ही सारा कार्य निष्पादन कर रही है।
वर्तमान में जारी की गई नियुक्ति प्रक्रिया की त्रुटियों को गिनाते हुए सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा मांग की गई है कि सरायकेला छऊ कला और कलाकारों के साथ कोई भेदभाव ना हो और योग्य कलाकारों के साथ कोई नाइंसाफी ना हो, इसको ध्यान में रखते हुए यथाशीघ्र नियमित बहाली के लिए मार्ग प्रशस्त किया जाए। ताकि वैश्विक सरायकेला छऊ कला को पुनर्जीवित कर उसकी गरिमा को स्थापित किया जा सके। मौके पर एसोसिएशन के सचिव संदीप कुमार कवि, सुनील कुमार दुबे एवं आशीष कुमार कर मुख्य रूप से मौजूद रहे।