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प्राऊड मोमेंट: छऊ नृत्य कला में विशिष्ट योगदान के लिए जिले के तीन युवा कलाकारों का चयन सीनियर स्कॉलरशिप पुरस्कार के लिए हुआ…

सरायकेला : संजय मिश्रा

सरायकेला । भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से ऑनलाइन के आधार पर सरायकेला-खरसावां जिले के 3 युवा छऊ कलाकारों का चयन सीनियर स्कॉलरशिप पुरस्कार के लिए हुआ है। जिसमें सीसीआरटी सीनियर स्कॉलरशिप पुरस्कार के तहत वर्ष 2020-21 के लिए सरायकेला छऊ नृत्य में युवा कलाकार सुमित मोदक और छऊ म्यूजिक ढोल वादन के लिए काशीपुर के युवा कलाकार मृत्युंजय महतो का चयन सीनियर स्कॉलरशिप पुरस्कार के लिए हुआ है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 के लिए युवा छऊ नृत्यांगना सुश्री ज्योति मोदक का चयन छऊ नृत्य कला के लिए युवा सीनियर स्कॉलरशिप पुरस्कार के लिए हुआ। जिन्हें भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से 2 वर्ष के लिए प्रत्येक माह ₹5000 की छात्रवृत्ति राशि कला के विकास के लिए प्राप्त होगी।

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जाने युवा छऊ नृत्य कलाकारा सुश्री ज्योति मोदक को:-

बेजोड़ प्रतिभा और कठोर मेहनत से अपनी प्रतिभा को साबित करने वाली ज्योति मोदक काफी साधारण रहन-सहन में पली-बढ़ी है। जिन्होंने असम, मणिपुर, गुजरात, गुवाहाटी, शांतिनिकेतन, कालाहांडी, बलांगीर, भुवनेश्वर, रांची, उड़ीसा, मिजोरम और गोवा जैसे स्थानों पर छऊ नृत्य का प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा चुकी है। ज्योति का कहना है कि कला के बिना जीवन अधूरा जैसा लगता है। स्कॉलरशिप के सम्मान से छऊ नृत्य कला के क्षेत्रीय विकास में उनका सहयोग और बढ़ावा मिलेगा।

जाने छऊ म्यूजिक ढोल वादक मृत्युंजय महतो को :-

सरायकेला प्रखंड के एक छोटे से काशीपुर गांव के रहने वाले युवा कलाकार 23 वर्षीय मृत्युंजय महतो सरायकेला छऊ डांस म्यूजिक फैमिली से आते हैं। उनके दादाजी स्वर्गीय बासुदेव महतो और पिताजी स्वर्गीय गौरी शंकर महतो सीनियर फैलोशिप विजेता और ढोल वादन के प्रसिद्ध म्यूजिशियन रहे हैं। मृत्युंजय महतो झारखंड प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों में काफी प्रदर्शन कर चुके हैं। वे छऊ म्यूजिक ढोल वादन कला को ही अपना जीवन बताते हैं।

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