उत्कलमनी आदर्श पाठागार सरायकेला संस्था ने बैठक कर ओड़िआ नाटक मंचन के उत्थान पर की चर्चा…
सरायकेला (संजय मिश्रा) । उत्कलमनी आदर्श पाठागार सरायकेला में संस्था के सदस्यों की एक बैठक नाटक भवन में संपन्न हुई। बैठक में सर्वप्रथम भारत के गौरव इसरो के वैज्ञानिकों को चंद्रयान-3 की सफलता पर पूरे टीम को बहुत-बहुत बधाई दी गई। साथ ही भारत माता की जय के जयकारे लगाये गये। बैठक में उपस्थित सदस्यों के बीच हुई चर्चा के क्रम में यह बात सामने आया कि पूरे सिंहभुम क्षेत्र में ओड़िया नाटक का बहुत ही पुराने समय से प्रचलन रहा है। जो वर्तमान में भी अधिकतर जगहों पर पूजा त्यौहार के अवसर पर ओड़िया नाटक का आयोजन होते आ रहा है। उक्त विषय को ध्यान में रखते हुए एक नया ओड़िया नाटक “मोणिश गछर छाई” का अभ्यास का शुभारंभ किया गया। साथ ही यह निर्णय लिया गया कि क्षेत्र के किसी भी संस्था के द्वारा यदि ओड़िआ नाटक पेश करने के लिए संस्था को आमंत्रित किया जाएगा तो संस्था के द्वारा नाटक के माध्यम से अपना सहयोग भी आयोजन कमेटी को किया जाएगा।
ओड़िआ नाटक प्रदर्शन के मुख्य उद्देश्य अपने पारंपरिक रीति रिवाजों कायम रखते हुए ओड़िआ नाटक के माध्यम से भाषा और संस्कृति को बचाए रखने का संकल्प लिया गया। क्षेत्र ओड़िया घनी आबादी होने के कारण ज्यादातर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में समय-समय पर ओड़िया नाटक का काफी प्रचलन है। नाटक अभ्यास का शुभारंभ संस्था के वरीय सदस्य सुशांत महापात्र के द्वारा उत्कलमणि गोपाबंधु दास जी के फोटो में माल्यार्पण एवं नारियल फोड़ कर किया गया। इस अवसर पर संस्था के महासचिव जलेश कवि, उपसचिव पवन कवि, वरीय सदस्य काशीनाथ कर, रजत पटनायक, नाटक मंडली के निर्देशक घासीराम सतपथि, संतोष कुमार कर, राजेश मोहंती, टुना कवि, सुनील मिश्रा, शंकर सतपथि, शिपू मोहंती, केदार शामल, आकाश कर, चक्रधर मोहंती एवं अन्य कलाकार तथा सदस्य उपस्थित रहे।