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ग्रामीण क्षेत्र में मकर सक्रांति की तैयारियां हो

गई शुरु।

 

जैसे कि माना जाता है, मकर सक्रांति वा टुसू पर्व साल में एक बार आता है। बिहार ,बंगाल, झारखंड ,ओडिशा ,छत्तीसगढ़, के लोग इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। टुसू कौन थी? कथित तौर पर टुसू एक बहुत ही सुंदर हिंदू परिवार की लड़की थी , कहा जाता है 17 वी शताब्दी में एक बार पूरे भारतवर्ष में मुस्लिम समुदाय चरम सीमा पर पहुंच चुकी थी और हिंदू बहू बेटी के ऊपर विभिन्न प्रकार के अत्याचार कर रहे थे, हिंदू नारी और बेटी के ऊपर अत्याचार हो रहा था , तब टूसु नाम की एक लड़की ने आवाज उठाई थी , परंतु वह भी लड़ते-लड़ते थक गई मगर अपना आत्मरक्षा के लिए अंतिम समय तक अपना जान नदी में छलांग लगाकर निछावर कर दी। इसीलिए टूसु का कोई रूप रंग नहीं होता कई मां टूसु को अपने बेटी बोल कर बुलाती है तो कोई बहन , तो कोई दीदी बोल कर बुलाती है घर के हर सदस्य का कुछ ना कुछ रिश्ता होता है टुसु देवी के साथ। जैसे कि मकर में अक्सर देखा जाता है प्रत्येक व्यक्ति सब नए नए कपड़े ,नए नए पकवान के साथ यह त्यौहार मनाते हैं। इस त्यौहार का पकवान गुडपीठा छका पीठा माना जाता है पकवान के रूप में मानते हैं,

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