
सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) मनरेगा में साथ साथ काम कर रहे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वर्ग के मजदूरों को राशि का साथ-साथ भुगतान नहीं होने से मनरेगा मजदूरों में सामाजिक दूरियां और जातिवाद की भावना उत्पन्न हो रही है। इसे लेकर युवा एकता मंच के जिलाध्यक्ष सूरज महतो ने उप विकास आयुक्त के माध्यम से मनरेगा डायरेक्टर को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून में हो रहे कामकाज के बीच एक नया संकट खड़ा हो गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वर्ग के मनरेगा मजदूरों को एक ही योजना में साथ काम किए जाने के बावजूद अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं दूसरे अन्य वर्ग के मजदूरों को मजदूरी राशि का भुगतान विभाग द्वारा जाति विशेष के आधार पर किया जा रहा है। किसी जाति विशेष के मजदूरी भुगतान में इससे विलंब भी हो रहा है। इसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के अनिवार्य मनरेगा मजदूरों में सामाजिक दूरी एवं जातिवाद की भावना उत्पन्न हो रही है। इसे लेकर युवा एकता मंच द्वारा मांग की गई है कि विषय पर विशेष ध्यान देते हुए समाज में जातिवाद की भावना से मजदूरी राशि की भुगतान पर रोक लगाया जाए। और मजदूरी राशि का भुगतान एक साथ ही किया जाए।
Related posts:
