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सरायकेला। खरसावां के संतारी गांव में चौहान परिवार द्वारा महासप्तमी पर शस्त्र पूजन के साथ दुर्गा पूजा का शुभारंभ किया गया। मौके पर चौहान परिवार के सदस्य गजेंद्र नाथ चौहान ने बताया कि परिवार में परंपरागत दुर्गा पूजा की परंपरा 200 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। जो महासप्तमी से शुरू होकर विजयादशमी तक चलती है।

उन्होंने कहा कि पूजन चौहान परिवार की संस्कृति है और शस्त्र पूजन धर्म है। यह धर्म मानवता की रक्षा इंसानियत और दीन हीन की सुरक्षा के लिए होता है. इस परंपरा का निर्वहन अनादि काल से होता आया है। क्षत्रिय समाज आज भी उसी आस्था के साथ अन्य समाजों के बीच अपनी छवि बरकरार रखे हुए हैं। मृदुभाषी होने के साथ क्षत्रिय समाज धर्म रक्षा के लिए अग्रणी माना जाता है। शस्त्र पूजन किसका प्रतीक है। इस अवसर पर शस्त्र पूजन में चांद चौहान, कंचन चौहान, राजेंद्र चौहान, सौम्यम राज चौहान सहित परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे।

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