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खलिहान तैयार करने के समय में किसानों के माथे पर अब है मूल बचाने की चिंता की शिकन

सरायकेला। लगातार 3 दिनों से जिले भर में जारी बारिश का दौर खेतों में खड़े किसानों के फसल को नुकसान पहुंचा रहा है। इसी के साथ किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभरने लगी हैं। जिसमें खलिहान तैयार करने के समय में खेतों में तैयार धान की फसलों को सुरक्षित रखते हुए लगाए गए मूल की ही वापसी की चिंता किसानों को सताने लगी है। क्षेत्र के जागरूक किसान राधानाथ महतो, घासीराम महतो, रामपदो महतो एवं मनोज महतो बताते हैं कि परंपरागत कृषि कार्य में अभी का समय खलिहान तैयार करने का है। जिसमें खलिहान को धान रखने के लिए लीपकर मजबूती के साथ तैयार किया जाता है। बेमौसम बारिश किसी भी किसान को खलिहान तैयार करने नहीं दे रही है। इसी के साथ लगातार बारिश के दौर से खेतों में खड़े धान की फसल भी तबाह हो रहे हैं। जिसमें खेतों से धान की फसल को खलिहान और घरों तक लाने की कठिनाई उत्पन्न हो गई है। धान की फसल को ढोने के लिए खेतों तक बैलगाड़ी का पहुंच पाना असंभव हुआ है। इसलिए खेतों में धान की फसलों को माथे पर ढोकर ही लाने का विकल्प बचा हुआ है।

बेमौसम बारिश का रिकॉर्ड बारिश हुआ रविवार को   :- (मिमी में)

सरायकेला – 29.6   खरसावां      – 23.8      कुचाई     – 25.2
गम्हरिया  – 32.2   राजनगर     – 21.4       चांडिल    – 15.4
नीमडीह    – 27.0   इचागढ़       – 18.4       कुकड़ू      – 21.4

मौसम पूर्वानुमान :

आगामी 21 अक्टूबर से साफ होगा मौसम। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 19 अक्टूबर को भी 21 मिमी और 20 अक्टूबर को 10 मिमी बारिश जिले में होने की संभावना बताई जा रही है। इस संबंध में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा द्वारा बारिश को लेकर किसानों को कृषि से संबंधित कई महत्वपूर्ण सलाह भी दिए गए हैं।

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