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सरायकेला-खरसावां – आस्था और विश्वास के दरबार मां आकर्षिणी मंदिर के मुख्य द्वार के समीप खुली विदेशी शराब दुकान को लेकर विरोध शुरू हो चुका है। मां आकर्षिणी मंदिर परिसर के दुकानदार और स्थानीय लोगों ने शराब की दुकान हटाने की मांग को लेकर समाजसेवी सुरज हेम्ब्रम एवं निर्मल गांगुली के नेतृत्व में खरसावां प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश मछुवा को एक ज्ञापंन सौपा।

राज्य सरकार के नियम अनुसार मंदिर, मस्जिद, गिरजा, स्कूल आदि से कम से कम पांच सौ मीटर दूर तक शराब दुकान नहीं खोलने का नियम है। ज्ञापंन में कहा गया है कि मां आकर्षिणी मंदिर के मुख्य द्वार के समीप विदेशी शराब की दुकाने खोलने से श्रद्धालुओं में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कई असुविधाएं हो रही है।

शराब पीकर शरारतीतत्वों के लोग मंदिर परिसर में यहां वहां शराब की बोतलो को फेंकना, बोतल फोड़ना, मंदिर परिसर में जमावड़ा करना जैसे कारनामें कर रहे है। वही समिति के द्वारा उपलब्ध कराए गए डस्टबिन में भी शराब की बोतल डाली जा रही है। वही शाम होते ही शराबियों के द्वारा मंदिर परिसर को बार बना दिया जाता है। इससे ग्रामीण काफी परेशान व दुखी है।

ग्रामीणों द्वादरा बीडीओं से इस मामले को गंभीरता से विचार करते हुए मां आकर्षिणी मंदिर के मुख्य द्वार से शराब दुकान हटाने की मांग की गई। अगर दुकान हटाया नही जाता है। तो जिला उपायूक्त एवं जिला आरक्षी अधीक्षक से दुकान हटाने की मांग की जाएगी। ज्ञापन में सूरज हेंब्रम, निर्मल गांगुली, नीलकमल बारिक, मोहनलाल महतो, शिवचरण महतो, रवि गोप, मनोज सिंहदेव, सारणी मंडल, आकाश लोहार, कृष्णा लोहार, श्यामलाल मंडल, मिहिर गांगुली, सानू गोप आदि के हस्ताक्षर हैं।
मंदिर के सामने शराब दुकान नही होना चाहिए-सूरज
समाजसेवी सुरज हेम्ब्रम ने कहा कि मां आकर्षिणी मंदिर के समीप विदेशी शराब दुकान खोलने से मंदिर की पवित्रता खराब हो रही है। मंदिर में असामाजिक गतिविधि बढ़ने के साथ मंदिर आने वाले भक्तों खास कर महिलाओं का भी नशा खोरों के बीच से होकर जाना पड़ेगा। इसे लेकर वे भी डरी हुई है। मंदिर के सामने शराब दुकान नही होना चाहिए। उन्होंने उक्त अंग्रेजी शराब दुकान को बंद कराने या यहां से स्थानांतरण करने कि मांग की है।
श्रद्वालुओं और युवकों के मन पर विपरीत असर पडेगा-निर्मल
समाजसेवी निर्मल गांगुली ने कहा कि अनुज्ञप्ति प्रदन कम्पोजिट शराब की दुकान चिलकू के नाम पर है। तो मां आकर्षिणी मंदिर के मुख्य द्वार पर शराब दुकान खोलना कहा तक सही है। आबकारी विभाग के अधिकारी नियम कानून को ताक पर रख सरकारी खजाना भरने में लगे हैं। फिर चाहे किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों या श्रद्वालुओं और युवकों के मन पर विपरीत असर पड़े। विभाग के अधिकारियों न तो मंदिर-मस्जिद की परवाह है और न ही अस्पतालों और शिक्षण संस्थानों की। अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेका लेने वालों ने जहां चाहा वहीं देशी, अंग्रेजी, बीयर का ठेका खोल दिया।
प्रतिदिन लगता है शराबियों का जमावड़ा
खरसावां के मां आकर्षिणी मंदिर के दुकानदार आकाश लोहार, रवि गोप, छक्कन लाल महतो, बाबु गागुली आदि ने बताया कि मां आकर्षिणी मंदिर परिसर में प्रतिदिन शराबियों का जमावड़ा लगता है। लोग शराब पीकर यहां-वहां बोतले फेक देते है। वही बोतलों को तोड देते है। जिससे श्रद्वालुओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही दुकानदार भी परेशान है। बीडीओं से शिकायत करने के बाद मां आकर्षिणी मंदिर परिसर से सात बोरा शराब की बोतलों को उठाकर फैका गया। अभी भी जगह-जगह शराब की यहा-वहा जमा पड़ा है। इससे मंदिर की सूंदरता भी खराब हो रही है। यहां से शराब दुकानें नही हटाने पर महिलाओं के द्वारा आन्दोलन करने की बात कही।
मंदिर से 500 मीटर दूरी पर खुला है दुकान-मुन्ना
अनुज्ञप्ति प्रदन कम्पोजिट शराब की दुकान चिलकू खरसावां के संवेदक मुन्ना कुमार यादव ने कहा कि मां आकर्षिणी मंदिर से 500 मीटर दूरी पर दुकान खोला गया है। जबकि राज्य सरकार के नियम अनुसार धार्मिक स्थलों से 100 मीटर दूरी के अंदर नही होना चाहिए।

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