सरायकेला। सरायकेला के उड़िया भाषियों की एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा ओडिशा सरकार के शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास से मुलाकात कर जिले में उड़िया भाषा के संरक्षण को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की गई है।नगर पंचायत के अध्यक्षा मीनाक्षी पटनायक के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल रायरंगपुर पहुंच कर उड़ीसा सरकार के शिक्षा मंत्री से मुलाकात की।
इस प्रतिनिधिमंडल में उत्कलमणि आदर्श पाठगार के सभापति सुदीप पटनायक ,उड़िया संगठक अतनु कवि, दुखुराम साहू, बद्री दरोगा, पंचानन राउत एवं रीता दुबे शामिल रहे। उन्होंने मंत्री से मुलाकात के दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें उड़ीसा के विछिन्नांचल क्षेत्रों मे रहने वाले उड़िया भाषा एवं उड़िया भाषियों की दर्द को बताया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड में उड़िया भाषा को द्वितीय भाषा का दर्जा दिया गया है, फिर भी भाषा को राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार के संरक्षण देने की व्यवस्था नहीं की गई है। जिले के ओड़िया स्कूलों को बंद कर दिया गया है, ओड़िया पठन-पाठन करने वाले छात्रों को किताब भी समय पर नहीं मिल रहा है। ज्ञापन में कहा है कि झारखंड के प्रत्येक स्कूलों में दो- दो ओड़िया पारा शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की गई है, वर्ग 1 से लेकर 10 तक सभी विषय के उड़िया किताब का उपलब्ध कराने के साथ-साथ उड़ीसा में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक परंपरा का विकास करते हुए विछिन्नांचल झारखंड के सरायकेला में साल में दो बार उत्कल दिवस एवं “बोईतो-बंदाणो” उड़ीसा सरकार द्वारा कार्यक्रम आयोजन करने की मांग की गई है।