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क्षेत्र के चर्चित शिक्षिका की गर्दन काट कर नृशंस हत्या के आरोपी को पीडीजे की अदालत ने सुनाई सश्रम आजीवन कारावास की सजा…

सरायकेला: संजय मिश्रा । सरायकेला थाना क्षेत्र के चर्चित शिक्षिका की नृशंस हत्याकांड मामले पर सुनवाई करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार की अदालत में मामले के आरोपी हरि हेंब्रम को मामले का दोषी पाते हुए भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही ₹10000 अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। अर्थ दंड नहीं अदा कर पाने की स्थिति में अभियुक्त हरि हेंब्रम को 1 साल अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी। इस संबंध में जानकारी देते हुए लोक अभियोजक ब्रजेश कुमार ने बताया कि मामले में अदालत में कुल 13 लोगों की गवाही हुई थी। जिसमें न्यायालय द्वारा बीते 29 जनवरी को हरि हेंब्रम को मामले का दोषी पाया गया था। और आज सजा के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए आरोपी को न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई है। न्यायालय का फैसला आने के बाद शिकायतकर्ता वादी मृतक शिक्षिका के भतीजे जॉनसन मुंडा ने न्यायालय के फैसले पर संतोष जताते हुए न्याय मिलने पर खुशी प्रकट की।

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दिल दहलाने वाला था शिक्षिका नृशंस हत्याकांड:-
सरायकेला थाना अंतर्गत खापरसाई गांव में 3 जुलाई 2018 को घटी उक्त नृशंस हत्याकांड के संबंध में मृतका शिक्षिका सुकरू हस्सा के भतीजे जॉनसन मुंडा की शिकायत पर सरायकेला थाने में मामला दर्ज कराया गया था। जिसमें बताया गया था कि ड्यूटी के दौरान दिन के 2:45 बजे उसे टेलीफोन सूचना मिली कि प्राथमिक विद्यालय खापरसाई में कार्यरत उनकी शिक्षिका चाची सुकरू हस्सा का किसी व्यक्ति द्वारा तेज धार हथियार से गला काटकर हत्या कर दिया गया है। सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचने पर जॉनसन मुंडा ने पाया कि काफी भीड़ लगी हुई है। तथा चाची सुकरु हस्सा का शव प्राथमिक विद्यालय खापरसाई के सामने सड़क के उस पार हरि हेंब्रम के बांस झाड़ी के चारदीवारी के गेट के पास पड़ा हुआ है। तथा सिर धड़ में नहीं है। वहां उपस्थित लोगों द्वारा बताया गया कि खापरसाई गांव का ही हरि हेंब्रम स्कूल में पढ़ा रही शिक्षिका सुकरू हस्सा को विद्यालय से बाल पड़कर खींचकर बाहर लाया। और अपने घर के दरवाजे के पास तेजधार हथियार से गर्दन काटकर हत्या कर दिया। तथा सिर को वहां से लेकर भाग गया। इतना ही नहीं शिक्षिका सुकरू हस्सा के कटे सिर को खुलेआम हाथ में लेकर आरोपी हरि हेंब्रम मुख्य सड़क मार्ग से होते हुए कीता गांव स्थित काली मंदिर के समीप पहुंचा। पुलिस के आने के बाद कीताडीह में काली मंदिर के सामने सिर को मैदान में फेंक कर भाग गया था। जिसे बाद में पुलिस द्वारा स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से पकड़ लिया गया था।

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