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सावन सोय के नेतृत्व में सासंद जोबा माँझी और मंत्री दीपक बिरुआ को सौंपा गया ज्ञापन…

सरायकेला: संजय मिश्रा : दिल्ली के जंतर-मंतर में बीते 14 सितंबर को आल इंडिया हो लैंग्वेज एक्शन कमिटि और आदिवासी हो समाज युवा महासभा के संयुक्त तत्वाधान में हो भाषा को संविधान की 8वीं अनूसुची में शामिल कराने को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया।इस राष्ट्रीय आंदोलन को और तेज करने के लिए आदिवासी हो समाज सरायकेला-खरसावां के जिला संयोजक सावन सोय के नेतृत्व में सिंहभूम की सांसद श्रीमती जोबा मांझी और परिवहन एवं कल्याण मंत्री दीपक बिरूआ को ज्ञापन सौंपा गया है।

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ज्ञापन में कहा गया है कि आदिवासी समाज हित में हो भाषा को भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग वर्षों से चली आ रही है। परंतु अभी तक केन्द्र सरकार द्वारा हमारी मांग पूरी नहीं की गई है। यदि हो भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबध्द हो जाता है तो आदिवासी हो भाषा और लिपि को सम्मान मिलेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सांसद और मंत्री से आग्रह किया है कि भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर अपने माध्यम से केन्द्र सरकार (गृह मंत्रालय) नई दिल्ली को पत्राचार करें, ताकि हो भाषा को जल्दी शामिल कराया जा सके। श्रीमती जोबा मांझी ने कहा कि “मैं हो भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए गंभीर हूँ।

मैं स्वंय दिल्ली जाकर संबधित विभाग से मिलूंगी। इस माँग को प्राथमिकता से संसद में रखूंगी। वहीं मंत्री दीपक बिरूवा ने कहा कि मैं बहुत जल्दी पत्राचार करूंगा। और पुन: मुख्यमंत्री को केन्द्र सरकार को पत्राचार के लिए बात रखूंगा। डा.बबलू सुंडी पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष युवा महासभा ने कहा कि दो राज्यों उड़िसा और झारखंड सरकार द्घारा केंद्र सरकार को अनुशंसा की जा चुकी है।

परंतु हो समुदाय के साथ हमेशा छलावा हो रहा है। इस बार हो समुदाय आर पार की लड़ाई लड़ेगी। जब तक माँग पूरी नहीं होती है तब तक निरंतर आंदोलन चलता रहेगा। इस आंदोलन के लिए कोल्हान के सभी विधायकों और सांसदों से भी केंद्र सरकार को पत्राचार के लिए आग्रह करेंगे।

यदुनाथ तियु पूर्व महासचिव ने कहा कि कोल्हान हो बहुल क्षेत्र है। हमारी माँग सरकार पूरा करे अन्यथा दिल्ली के सड़कों पर उतर जायेंगे। सावन सोय ने कहा कि हो भाषा की माँग हमारी वर्षों से चल रही है। लगातार दिल्ली के जंतर-मंतर में धरना प्रदर्शन कर रहे है। पर वर्तमान केंद्र सरकार हमारी माँग को पूरा नहीं कर रही है।

आग्रह किया गया है कि सरकार गंभीरता पूर्वक विचार करे और हो भाषा को 8वीं अनुसूची मे शामिल करे। ज्ञापन सौपने के दौरान आदिवासी हो समाज युवा महासभा के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष बबलु सुंडी, पूर्व सांस्कृतिक सचिव प्रकाश पुरती, पूर्व अनुमंडल अध्यक्ष मदन बोदरा, आदिवासी हो समाज महासभा के पूर्व महासचिव यदुनाथ तियु, कोषाध्यक्ष बमिया बारी, आदिवासी हो समाज सेवानिवृत्त संगठन के पदाधिकारी चंद्रमोहन बिरूवा एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

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