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उषा मार्टिन सीएसआर की पहल

राँची/नामकुम आंख के ऑपरेशन से मिला खुशबु को नया जीवन कहावत है कि आंख है तो ही यह संसार सुंदर है। आंख के बिना सारा संसार ही सूना और बेरंग लगता है। हेसल गांव निवासी 45 वर्षीय जतरी देवी का सात लोगों का भरा-पूरा परिवार है लेकिन पिछले दो सालों से वह अपने आंख से कुछ देख नहीं पाती थी। हमेशा ही घर पर रहती थी, कभी बाहर शायद ही निकतली थी। शनिवार को उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के माध्यम से शालिनी अस्पताल के माध्यम से उसके आंखों का सफल ऑपरेशन कराया गया। उसकी आंख की रोशनी लौट आयी है, और वह अपने परिवार एवं सारा संसार को आंखों से देख एवं महसूस कर पा रही है। जतरी देवी बताती है कि मेरे घर में दो बेटा और एक बेटी है। बड़ा बेटा केरल राज्य में मजदूरी करता है। दूसरा घर पर रहता है। मेरे पति कुली का काम करत है। घर की माली स्थिति इतनी अच्छी नहीं थी कि वह अपने आंखों का इलाज करा सके। वह कहती है कि उषा मार्टिन फाॅउंडेशन का सहयोग नहीं मिलता तो वह अंधी ही रह जाती ! इसी वर्ष जनवरी में हेसल में नेत्र चिकित्सा कैंप लगाया गया, तो सुपरवाइजर के माध्यम से उसकी जांच हुई। सुपरवाइजर मोनीत बूतकुमार बताती है कि जतरी देवी अपना आंख दिखाना नहीं चाहती थी, लेकिन बेटी की जिद में वह जांच कराने को राजी हुई। उनको बताया गया कि आंख दिखाने एवं इलाज में आपका कोई पैसा नहीं लगेगा। इसे बाद कैंप में जांच के बाद सघन इलाज के लिए शालिनी अस्पताल लाया गया। वहां उसके बायें आंख में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के बाद जतरी देवी को निःशुल्क आंख का चश्मा और दवाईयां उपलब्ध करायी गयी।
जतरी देवी अब बेहद खुश है। उसकी खुशी का कारण है कि वह अब अपने घर के बाहर जा सकती है। इस तरीके से उषा मार्टिन फाॅउंडेशन के माध्यम से गांव-गांव में मेडिकल कैंप लगाकर नेत्र जांच एवं उसके उपरांत आंख का इलाज कराया जा रहा है। यह कार्यक्रम शालिनी अस्पताल के सौजन्य से रूक्का में किया चलाया जाता है। इस अभियान में साइट सेवर इंडिया के सहयोग से उच्च गुणवत्तायुक्त लेंस प्रत्यारोपित करने का भी अभियान किया जाता है । सीएसआर के तहत 250 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन शालिनी अस्पताल और उषा मार्टिन फाउंडेशन के तत्वावधान में ग्रामीणों को निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन और चश्मा वितरण अभियान चलाया जा रहा है। अभी तक 250 से अधिक ग्रामीणों के आंख का ऑपरेशन कराया जा चुका है। इस अभियान पर उषा मार्टिन फाॅउंडेशन सचिव डाॅ मयंक मुरारी ने कहा कि कंपनी के माध्यम से गांव-गांव में कैंप लगाया जा रहा है। इन कैंप में आंख की परेशानी वाले लोगों की जांच की जाती है और उसके बाद डाॅक्टरी परामर्श पर उनका ऑपरेशन एवं चश्मा उपलब्ध कराया जाता है।

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