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सरायकेला। कोरोना संक्रमण के आये दूसरे स्ट्रेन के बाद सरकार एवं प्रशासन सहित आम जागरूक जनों की नींदे उड़ गई है। हर ओर से इस स्ट्रेन को नियंत्रित करने और रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। कहीं पाबंदियां लगा कर तो कहीं सख्ती और कहीं जागरूकता के साथ प्रशासन पूरी व्यवस्था को नियंत्रित करने में लगा हुआ है। वही जिला मुख्यालय सरायकेला में शुक्रवार को लगे साप्ताहिक हाट ने कोरोना संक्रमण से बेखौफता की अपनी कहानी कह डाली। सारी बंदिशों से मुक्त रहे साप्ताहिक हाट को लेकर दूरदराज गांव से पहुंचे ग्रामीण सहित जिले एवं अन्य दूसरे जिलों से भी पहुंचे विक्रेताओं को जमकर इसका माखौल उड़ाते हुए देखा गया। जहां किसी के भी चेहरे या दिल में कोरोना संक्रमण का डर नहीं दिखा। कुछ मास्क के साथ तो अधिकांश बिना मास्क के ही सप्ताहिक हाट में विचरते हुए नजर आए। और पूरे मामले में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती रही। मामले पर सक्रियता दिखाए जाने पर कई एक तथाकथित जानकारों द्वारा भी ज्ञान बांटते हुए कहा जाता रहा कि गरीब ग्रामीण और गरीब विक्रेता है। पेट का सवाल लेकर आखिर कहां जाएं और क्या करें? सरकार भी इस कोरोना काल में रोजगार को बनाए रखने पर सहमत है। परंतु कोरोना संक्रमण और इसकी भयावहता पर सारे मामले गोल कर दिए गए। इधर जिला मुख्यालय होने के बावजूद भी स्थिति पर नियंत्रण को लेकर गतिविधि शून्य देखी गई।
स्वास्थ्य विभाग ने किया कोविड टेस्ट:-

बढ़ते भीड़ को देखते हुए सप्ताहिक हाट परिसर में प्रखंड विकास पदाधिकारी सरायकेला मृत्युंजय कुमार और डॉ अमित कुमार की उपस्थिति में सरायकेला थाना के सहयोग से कोविड जांच अभियान चलाया गया। जिसमें साप्ताहिक हाट पहुंचे 183 लोगों का सैंपल कलेक्ट किया गया।

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