रचनात्मक क्षमता को बढ़ाना है तो पिंटरेस,यूट्यूब और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म से देखकर पेंटिंग बनाना छोड़ना होगा – सौरभ प्रामाणिक…
चांडिल (कल्याण पात्रा) प्रखंड के चौनपुर गांव के युवा कलाकार व (वी कलाकार) नामक आर्टिस्ट कम्यूनिटी के संस्थापक सौरभ प्रामाणिक ने नये कालाकारो को अपने अनुभव को शेयर किया और कहा कि प्लेटफार्मों जैसे पिंटरेस्ट, गूगल और यूट्यूब का उपयोग करने से कलाकारों की रचनात्मक क्षमता में कमी आ रही है। इस विचार को समझने के लिए सौरभ ने कुछ महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देने की बात कही है । आज डिजिटल प्लेटफार्मों ने कलाकारों के लिए अपने काम को प्रदर्शित करने और नए दर्शकों तक पहुँचने के कई अवसर प्रदान किए हैं। हालांकि, इन प्लेटफार्मों पर उपलब्ध सामग्री की प्रचुरता कभी-कभी कलाकारों को प्रभावित कर सकती है।
जब कलाकार दूसरों के काम को देखते हैं, तो वे अनजाने में उनकी शैली या विचारधारा से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे उनकी अपनी रचनात्मकता में कमी आ सकती है। पिंटरेस्ट और यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों पर कला और डिज़ाइन के विभिन्न उदाहरण उपलब्ध होते हैं।
जबकि ये स्रोत प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत हो सकते हैं, वे अनुकरण की प्रवृत्ति भी पैदा कर सकते हैं। जब कलाकार दूसरों के काम को देखकर अपनी कला बनाने लगते हैं, तो वे अपनी व्यक्तिगत शैली को खो सकते हैं और केवल उन तत्वों की नकल करने लगते हैं जो पहले से मौजूद हैं। गूगल जैसी खोज इंजन सेवाओं ने जानकारी तक पहुँच को आसान बना दिया है। हालांकि, कभी-कभी यह सूचना का अधिभार भी पैदा कर सकता है। जब कलाकार बहुत सारी जानकारी और तकनीकों का सामना करते हैं, तो उन्हें यह तय करना मुश्किल हो सकता है कि किस दिशा में जाना चाहिए। इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया जटिल हो जाती है और अंततः रचनात्मकता प्रभावित होती है।
कलाकार सौरभ प्रामाणिक ने कलाकारो को नसिहत दी की पिंटरेस्ट, गूगल और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म ने कुछ हद तक कलाकारों की रचनात्मक क्षमता को प्रभावित किया है, क्योंकि ये उपकरण कभी-कभी प्रेरणा देने के बजाय अनुकरण और अधिभार का कारण बन सकते हैं।
