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ग्राम सभा और जिला लोक जनप्रतिनिधि निगरानी परिषद ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर गौंण एवं लघु खनिजों का उपयोग एवं प्रबंधन नियमावली के तहत किए जाने की मांग की…

सरायकेला: संजय मिश्रा । ईचागढ़ प्रखंड के हाड़ात पारंपरिक ग्राम सभा के प्रधान अध्यक्ष बुधू सिंह मुंडा, कुकड़ू प्रखंड के सापारूम ग्राम सभा के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज सिंह मुंडा एवं सपादा ग्राम सभा की ग्राम प्रधान पीतांबर सिंह मानकी ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर गौंण एवं लघु खनिजों पर लोगों के निजी एवं सामुदायिक अधिकार का उपयोग एवं इनका प्रबंधन झारखंड पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियमावली-2022 के तहत किए जाने की मांग की है।

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विभिन्न नियमावली और अधिनियमों का हवाला देते हुए उन्होंने अपने सौंपे गए ज्ञापन में बताया है कि भारत सरकार के निर्देश पर जिलावर खनिजों एवं लघु खनिजों को धारित करने वाले क्षेत्रों की पहचान की गई है। और उन्हें डीएसआर में अभिलेखित भी किया गया है। इसके अनुरूप जिला में ऐसा कोई भी नदी घाट नहीं है जिसमें ऑर्डिनरी सेंड की जगह विशिष्ट गुना को आधारित करने वाले वैसे सेंड की उपलब्धता है जिसे एमएमडीआर एक्ट 1957 में यूज्ड फॉर स्पेसिफाइड परपज कहा गया है। तथा इन स्पेसिफाइड परपज को माइन्स एक्ट 1952 की धारा 3 (एक) बी मैं प्रकाशित किया गया है।

साथ ही इस धारा के अनुरूप किए जाने वाले उत्खनन को माइन्स एक्ट के प्रभावों में मुक्त किया गया है। उन्होंने बताया है कि उपरोक्त वैधानिक परिस्थितियों में तथा सार्वजनिक हित में पंचायत तिरुलडीह, सोडो और गौरांगकोचा की सभी ग्राम सभा के पारंपरिक प्रधान द्वारा एक मत से निर्णय लिया गया है कि इन सभी पंचायत की सीमा में उपलब्ध सभी बालू घाटों का प्रबंध जिला लोक जनप्रतिनिधि निगरानी परिषद के द्वारा किया जाएगा। जिसके अध्यक्ष जिंगी हेंब्रम है। इस उपक्रम में यथासंभव मानव श्रम को प्रमुखता दी जाएगी। साथ ही माइन्स एक्ट 1952 के सभी प्रावधानों का इस निगरानी परिषद द्वारा अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया है कि साधारण बालू आम लोगों की बुनियादी जरूरत का गैर मूल्यवान खनिज है। आता इसके निस्तार पर सभी पारंपरिक प्रधानों द्वारा न्यूनतम प्रबंधन शुल्क लिया जाना भी प्रस्तावित किया गया है।

इसके बाद परिचालन के लिए जिला लोक जनप्रतिनिधि निगरानी समिति के द्वारा निजी परिवहन चालान पत्र जारी किया जाएगा। जो खनिज विक्रय पत्र भी होगा। इसमें खनिज का मूल्य, इसे परिवाहित करने का स्थान और वाहन संख्या जैसे जरूरी विवरण अंकित होंगे। उन्होंने उपायुक्त से निवेदन किया है कि ग्राम पंचायत तिरुलडीह में अंचलाधिकारी के द्वारा जप्त कर रखे गए 10 लाख घन फुट बालू तथा जिला खनन पदाधिकारी द्वारा जप्त कर रखे गए 20 लाख घन फुट बालू को भी जिला लोक जनप्रतिनिधि निगरानी परिषद को आगामी 15 में तक हस्तांतरित करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित किया जाए। जिसका प्रबंधन और निस्तार जिला लोक जन प्रतिनिधि निगरानी परिषद के द्वारा लोक हित में और सरकारी योजना के विकास के लिए किया जा सके। उन्होंने मांग की है कि जरगोड़ी गांव के सोडो पंचायत में जेएसएमडीसी द्वारा संचालित बालू घाट का क्षेत्राधिकार भी आगामी 15 में तक जिला लोक जन प्रतिनिधि परिषद को सुपुर्द करने की कृपा की जाए।

इस अवसर पर जिला लोक जन प्रतिनिधि निगरानी परिषद की महासचिव जिला परिषद सदस्य सविता मार्डी द्वारा भी उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर उपरोक्त नियमावली और अधिनियम का हवाला आग्रह किया गया है कि मामले पर निगरानी परिषद का समुचित मार्गदर्शन करते हुए जिला खनन टास्क फोर्स को निर्देश देने की कृपा की जाए कि झारखंड लघु खनिज नियमावली के अनुसूचित दो में प्रकाशित लघु खनिजों पर झारखंड खनिज अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण नियमावली 2017 का कोई प्रभाव नहीं है। इसलिए ऐसे लघु खनिजों के परिवहन के लिए परिवहन विपत्र डी की मांग नहीं की जाए।

 

जब तक खनन विभाग के द्वारा परिवहन चालान प्रपत्र एम का निगमन प्रारंभ नहीं किया जाता है तब तक जिला लोग जनप्रतिनिधि निगरानी परिषद द्वारा जारी परिवहन चालान को ही वैध परिवहन चालान माना जाए। इसकी प्रतिलिपि प्रतिनिधियों द्वारा जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपथी को भी दी गई।

इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य ज्योति लाल मांझी, विजय कोईरी, राधा कृष्ण सिंह मुंडा, शाहजहां अंसारी, ग्राम प्रधान पीतांबर सिंह मानकी, ग्राम प्रधान बुधू सिंह मुंडा, ग्राम प्रधान मनोज सिंह मुंडा, ग्राम प्रधान बहादुर लायक, निताई मंडल, राष्ट्रीय मानवाधिकार एंवम समाजिक न्याय आयोग, प्रदेश महासचिव, सुभाष कुमार शाही, प्रभात कुमार चुड़ीवाला एवं प्रकाश मार्डी मुख्य रूप से मौजूद रहे।

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