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जमशेदपुर (दीप): आस्था से स्वच्छता का संगम देखने को मिला स्वर्णरेखा नदी के तटों पर जमशेदपुर मैं लगभग 300 से ज्यादा प्रतिमाओं का विसर्जन स्वर्णरेखा नदी के तटों पर किया जाता है विभिन्न स्थानों पर इसकी विसर्जन की व्यवस्था की जाती है जहां पिछले 3 वर्षों से लगातार जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के द्वारा आस्था से स्वस्थ संदेश देने के साथ-साथ प्रत्येक पर्व त्यौहार में कृतिम जलकुंड का निर्माण कर प्रतिमाओं के साथ आने वाले पूजा सामग्री एवं हवन सामग्री का नदी जल में पूजन के उपरांत कुंड में विसर्जन करने हेतु प्रेरित करने का कार्य करते आ रही है इस वर्ष भी जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के एवं जुस्को के द्वारा द्वारा विभिन्न घाटों की साफ-सफाई कर तैयार की गई थी जिसके उपरांत जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के द्वारा कृतिम जलकुंड का निर्माण स्वर्णरेखा गांधी घाट के पास 5 प्रति जलकुंड पांडे घाट भुईयाडीह में एक जलकुंड भोजपुर घाट बारीडी में एक जलकुंड दोमुहानी छठ घाट में एक जलकुंड बालू घाट सुनारी में एक जलकुंड का निर्माण कर सभी स्थानों पर जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के अधिकारी सुपरवाइजर एवं कर्मचारी के साथ सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग लेते हुए दशहरा के दिन प्रतिमा विसर्जन के दौरान घरों एवं पंडालों से आने वाली पूजा सामग्रियों का आस्था पूर्वक नदी में पूजन के उपरांत स्वच्छता का ध्यान रखते हुए सामग्रियों का जल कुंड में विसर्जन करने हेतु प्रेरित किया गया जिसमें जनभागीदारी बढ़-चढ़कर के सामने आए लगातार तीन वर्षों के प्रयास का असर यह रहा कि लोग पहले ज्यादा जागरूक एवं अपनी जीवनदायिनी नदी को बचाने के लिए स्वयं से पूजन उपरांत कृतिम जलकुंड में पूजा सामग्री का विसर्जन किया जिसमें सभी पूजा कमेटी के सदस्यों द्वारा केवल प्रतिमाओं का विसर्जन नदी में किया एवं सभी प्रकार के अन्य पूजन सामग्रियों का नदी पूजन के उपरांत जल कुंड में विसर्जन किया गया जिसका असर नदी का पानी निर्मल स्वच्छ बह रही है। वही इस प्रकार की तैयारी नहीं होने से आने वाले समय में काली पूजा दिवाली एवं लोक आस्था का महापर्व छठ के लिए नदी घाटों को तैयार करना प्रशासन के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती हो जाती है और इस प्रकार का पहल से नदी को साफ रखने में बचाए रखने का योगदान जनता ने जो दिया है जिससे आने वाले समय में भी इस प्रकार का सहयोग जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति को मिल जाए दो हर पर्व त्यौहार से पहले एवं बाद में नदियों का निर्मल जल श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध रहेगी। बालू घाट पर 80 प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ जिसमें स्वच्छता पुकारे के 12 वॉलंटियर्स एवं बस्ती के स्थानीय युवकों ने भी अपना पूरा सहयोग दिया एवं मूर्ति विसर्जन के उपरांत नदी के अंदर से मूर्ति के अवशेष लकड़ी को निकालने में भरपूर सहयोग दिया जिसमें से
भोजपुर घाट पर सुपरवाइजर के साथ कर्मियों के द्वारा स्थानीय बस्ती से पूजन सामग्रियों का जल कुंड में पूजन सामग्री का विसर्जन किया गया ।
पांडेय घाट पर 47 प्रतिमा का विसर्जन किया गया एवं पूजन सामग्रियों को अक्षेस के द्वारा बनाये गए कृतिम जलकुंड में विसर्जन किया गया , दोमुहानी में भी 45 मूर्तियो का विसर्जन किया गया । एवं गाँधी घाट जहाँ सबसे ज्यादा 180 प्रतिमाओं के साथ साथ कई छोटे -बड़े सोसाइटी एवं घरों से लगभग 300 मूर्तिया एवं हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा नवरात्रि का कलश विसर्जन किया गया । जमशेदपुर अक्षेस के द्वारा सभी प्रमुख घाट पर नदी के अंदर खतरा का निशान को दर्शाने के लिए लाल बॉल से नदी में चिह्नित किया गया था । श्रद्धालुओं के द्वारा कई बार अक्षेस कर्मियों के कार्य की सराहना करने के साथ -साथ उनके साथ सेल्फी भी ली जा रही थी । नदी में प्लास्टिक या अन्य सामग्री फेंकने पर श्रद्धालुओं के द्वारा उन लोगो को ऐसा नहीं करने के लिए शोर मचाने लगते थे जिस से उक्त व्यक्ति को नदी से पुनः नदी से वपास जल कुंड में डालते थे ।

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