नाका पर गार्ड नहीं होने पर होती है परेशानी….
मुरी (संदीप पाठक) :- रांची पुरुलिया मार्ग सिल्ली के लोवापीड़ी स्थित वन विभाग के चेक नाका पर गार्ड नहीं रहने पर वाहन चालकों को परेशानी का सामना पड़ता है। अक्सर बाहर से आए हुए वाहन चालकों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। नाका के दरवाजे पर लिखे फोन नंबर पर फोन कर विभाग के कर्मचारी को बुलाया जाता है तभी वहां चालकों को टीपी परमिट पर मोहर लगता है। जानकारी के मुताबिक बाहर से वन संबंधित किसी भी तरह के समान जैसे बांस, लकड़ी, बीड़ी पत्ता आदि वनोत्पादों के परमिट के रहते हुए भी गंतव्य स्थान तक जाने के लिए उन्हें जगह जगह पर वन विभाग के नाका पर रुक कर परमिट पर मोहर लगाना पड़ता है। बंगाल से बांस लेकर सिल्ली पहुंचे वाहन चालक तपन गोरोई ने बताया कि सिल्ली के नाका पर पार करने के लिए घंटों समय लग जाता है। यहां कभी कोई नाका पर गार्ड नहीं रहता यही स्थिति अनगड़ा नाका की भी है। मैं पिछले 10 सालों से बंगाल झालदा ट्रकों द्वारा बांस लाने काम कर रहा हूं। कभी ऐसे परिस्थिति का सामना नहीं करना पड़ा था परंतु पिछले एक वर्ष से गाड़ी खड़ी कर घंटों इंतजार करना पड़ता है। इधर इस संबंध में वन विभाग के रेंजर राजेश कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि कर्मचारी की अभाव के कारण नाका पर गार्ड नहीं रह पा रहे हैं। फिर भी पूरे सिल्ली में तीन गार्ड हैं उन्हीं के द्वारा कार्य किया जा रहा है। वाहन मालिकों के किसी भी परेशानी का सामना ना हो इसके लिए हमेशा वे लोग प्रयासरत हैं।