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बासल के आरासाहा में पीवीयूएनएल के विस्थापित-प्रभावित ग्रामीणों की हुई बैठक, रोजगार, स्थायी नौकरी, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा, पुनर्वास च विकास पर हुई चर्चा…

रामगढ़ ब्यूरो (इन्द्रजीत कुमार)

रामगढ़ जिले के बांसल थाना क्षेत्र के आरासाहा में पीवीयूएनएल (पूर्व पीटीपीएस) के विस्थापित-प्रभावित ग्रामीणों की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता शिव प्रसाद मुंडा एवं संचालन लालमोहन मुंडा ने किया गया। बैठक में रोजगार, स्थायी नौकरी, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत मुआवजा, पुनर्वास तथा सीएसआर के माध्यम से सभी विस्थापित प्रभावित गांवों में विकास के कार्यों पर चर्चा की गई। पीवीयूएनएल प्रबंधन के नीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। कहा गया कि कंपनी प्रबंधन का शुरु से ही यहां के विस्थापित-प्रभावितों को बांटने का कोशिश किया जाता रहा हैं। इसे समझने की जरूरत हैं। पीवीयूएनएल सिर्फ दस गांव को प्रभावित गांव मानता है। विस्थापित तो किसी को माना ही नहीं जा रहा हैं। जबकि प्रबंधन को यह मालूम होना चाहिए कि पूर्व के पीटीपीएस को स्थापित करने हेतु कुल 25 गांव की 6500 एकड़ जमीन ली गई। पीटीपीएस के लिए ही डैम का भी निर्माण किया गया था।

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लेकिन यह बहुत ही दुखद है कि डैम से विस्थापित लोगों को पीवीयूएनएल विस्थापित-प्रभावित नहीं मानता है। कहा गया कि प्रबंधन अपने पाॅलिसी पर पुनर्विचार करे और सभी गांवों को विस्थापित गांव का दर्जा दें। इसके साथ ही पीएपी लागू करे। स्थायी नियुक्ति के लिए ठोस नीति बनाए गए। उसे सार्वजनिक करे। बैठक में ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि अपने हक-अधिकार के लिए सजग रहते हुए पीवीयूएनएल के हर गतिविधि पर पैनी नजर रखना होगा। अन्यथा हम विस्थापित-प्रभावितों की हक मार दी जायेगी। बैठक में सर्वसम्मति से कहा गया की यहां के विस्थापित-प्रभावित कई दशकों से अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संघर्षरत हैं। लेकिन आज पीटीपीएस का अस्तित्व समाप्त हो जाने पर उसके जगह पर आई पीवीयूएनएल कंपनी द्वारा 4000 मेगावाट का विशाल पावर प्लांट निर्माणाधीन है।

आने वाले चुनावों में यहां के विस्थापित-प्रभावित तमाम ग्रामीण उसी को अपना वोट देंगे जो हमारी बर्षों से लम्बित समस्याओं का समाधान करवाएगा। इसके लिए सभी मिलकर पूरे क्षेत्र में अभियान चलाएंगे। कहा गया कि हमारा वोट लेकर राज करेंगे और हम लडते रहें, यह अब नहीं चलेगा।

उक्त मौके पर कुमेल उरांव, विस्थापित-प्रभावित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य नारायण प्रसाद, राजा राम प्रसाद, प्रदीप महतो, कपील मुंडा, अशोक महतो, लक्ष्मीकांत महतो, मुखिया बिजय मुंडा, प्रेम मुंडा, जयकिशोर पाहन, रमीज इकबाल, सत्येन्द्र कुमार, किशोर कुमार, अनिल कुमार, मुकेश सिंह, कुलदीप सिंह, अशोक मुंडा, महेन्द्र महतो, छटू मुंडा, अमिता देवी, बसंती देवी, रामकुमार सिंह, सावित्री देवी, किरण देवी, शकुंतला देवी, मुनकी देवी, झारो देवी, रवि मुंडा, श्रवण मुंडा, संजय मुंडा इत्यादि सैकड़ों लोग मौजूद थे।

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