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जिद जिसने बदल दी गीतांजलि की जिंदगी…

गायिका बनकर बोकारो सहित पूरे झारखंड का नाम कर रही रौशन…

रामगढ़:इन्द्रजीत कुमार

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किसी मूल्यवान लक्ष्य तक पहुंचने में असफलता एक मार्गदर्शक की तरह काम करती हैं। यदि वर्तमान असफलता से कुछ सीख सकते हैं। जीवन में बहुत बड़ी-बड़ी सफलताएं आपका इन्तजार कर रही हैं। सफलता के लिए जिद औंर जुनून चाहिए। यह कहना हैं भजन गायिका गीतांजलि दीक्षित पवनीका। गीतांजलि सिंगिंग के क्षेत्र में बेहतर कर रही हैं।

अपने जिले सहित पूरे झारखंड प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। गीतांजलि दीक्षित पवनीका ने कहा कि काफी कठिन परिश्रम की हूं। तभी इस जगह पर एक पहचान बना सकी हूँ। सफलता हासिल करने के लिए मेहनत जरूरी हैं। तभी आप अच्छा मुकाम हासिल कर सकते निर्धारित कर उसपर फोकस करें सफलता जरूर मिलेगी। लोग क्या कहते हैं क्या चर्चा करते हैं इसपर कभी ध्यान न दें।

मधुर आवाज औंर बेसुरा आवाज के अंतर को खत्म करना चाहती हूं:-

भजन गायिका गीतांजलि कहती हैं कि अभी का समय ऐसा हैं कि श्रोता केवल सुरीली आवाज सुनना चाहते हैं। इसलिए कई लोग सुरीला औंर बेसुरा आवाज की बात करते रहते हैं। जिससे लोगो मे दूरी बन जाती हैं। मैं इसी दूरी को समाप्त करना चाहती हूँ।

मेरा मानना हैं कि हर भजन गायक औंर गायिका का आवाज सुरीला ही होता हैं। बस गाने के मुताबिक संगीतकार अपना आवाज को वैसा निकालते हैं ताकि श्रोता मंत्रमुग्ध होकर अपने भजन का लुफ्त उठा सके। मेरी यही कोशिश होती हैं की भजनों को उसी अंदाज में गाया जाए। जिसे की भजन का बीट सही जगह में बैठ सके।

कलाकार को सभी संगीतों के बारे में जानकारी रखना जरूरी गीतांजलि:-

भजन गायिका गीतांजलि दिक्षित बताती हैं कि एक गायिका का काम पूरी तरह से क्रिएटिव होता हैं। यह उसकी पर्सनैलिटी का मजबूत पक्ष होता हैं। वह अपनी क्रिएटिविटी से यह जान जाता हैं कि कौन-सा संगीत किस समय किस जग सही होगा। इसलिए उसे हर स्टाइल औंर गेटअप के बारे में भी जानकारी रखनी होती हैं। कलाकार को एक दिन में अनेक लोगों से मिलना होता हैं। इसलिए उसका कम्यूनिकेशन लेवल भी बढ़िया होना चाहिए।

बेटर कम्यूनिकेशन और क्रिएटिविटी के मेल से वह अपने करियर को ऊंचाई दे सकता हैं। संगीत कलाकार को सभी तरह के गानों के बारे में जबरदस्त नॉलेज रखनी होती हैं। याद रखें कि मंच कलाकार के भीतर धैर्यता का होना भी जरूरी
हैं। एक मर्यादा औंर व्यवहार के साथ ही मंच में आकर अपनी कला का परदर्शन करना चाहिए। इसके अभाव में वह अपने काम के बारे में नॉलेज रखते हुए भी सही रिजल्ट नहीं दे सकता हैं।

परिवार वालों का मिला पूरा सहयोग:-

पत्रकारों से बातचीत दौरान भजन गायिका गीतांजलि दीक्षित पावनी बताती हैं की मैं 3 वर्ष के उम्र से ही संगीत के दुनिया में आ गई थी। स्कूल के दिनों मे अपने विद्यालय में किसी कार्यक्रम के दौरान मुझे गाना गाने का मौका मिलता था। जिसे वहां आए। लोग मेरी आवाज की काफी सराहना करते थे। तभी से ही मेरे माथे में एक बेहतर सिंगर बनने का जुनून सवार हो गया। मेरे पिताजी संगीत औंर कविता के लेखक हैं जिनका किताब फुलाई कचनार के नाम से काफी मशहूर हैं। इस दौरान मुझे अपने पिता से बहुत कुछ गीतों के बारे में सीखने का मौका मिला।

हालांकि मेरी करियर की शुरुआत चैनल के टीवी शो भौजी नंबर 1 शो तथा विग मैजिक शो में विनर आने के बाद हुआ। चैनल के भौजी नंबर 1 शो में मुझे पूरे भारत देश वासियों का काफी प्यार आशीर्वाद मिला। मैं प्रथम स्थान प्राप्त की गई। अगर मुझे मौका मिला। मैं भोजपुरी तथा खोरठा गीत गाकर देश दुनिया में अपना नाम कमाना चाहती हूं। हालांकि अभी मैं भोजपुरी के कई एल्बम में काम कर चुकी हूं। जो वेब म्यूजिक भोजपुरी चैनल में वीडियो हैं। जहां दर्शकों का काफी प्यार मिल रहा हैं।

कई शो में गीतांजलि को किया जा चुकी हैं सम्मानित:-

पश्चिम बंगाल प्रदेश में आयोजित एक शो में सिंगर गीतांजलि को पहली बार बेहतर गायकी के लिए दीक्षित को सम्मानित किया गया। जिसके बाद गीतांजलि एक बेहतर सिंगर के रूप में चर्चा में आई हैं। गीतांजलि दीक्षित पवनीका को वहीं से सपनों की एक पंख मिली। उनके कामों को लेकर लोगों का नजरिया बदला। जिसके बाद से लगातार गीतांजलि को विभिन्न अवार्ड से सम्मानित किया जा चुकी हैं।

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