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यहां सरकार कराती है वैष्णव मत से मां दुर्गा की वार्षिक पूजा,

इस वर्ष की थीम होगी…..

“अपना भारत स्वच्छ एवं श्रेष्ठ”

सरायकेला Sanjay । रासोलह कलाओं की नगरी कही जाने वाली सरायकेला में पूजा एवं परंपराएं अद्भुत रही हैं। इसके तहत शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा के पूजन उत्सव की जहां परंपरागत और तांत्रिक मत का विधान भी सरायकेला में रहा है। वही सरकार द्वारा भी सरायकेला में वैष्णव मत से मां दुर्गा की वार्षिक पूजा की जाती है। देश की आजादी के बाद सरकार के साथ हुए सरायकेला स्टेट के मर्जर एग्रीमेंट के तहत सरायकेला में सरकार द्वारा मां दुर्गा के वार्षिक पूजन उत्सव कराए जाने की परंपरा रही है। जिसके तहत वर्ष 1952 से प्रतिवर्ष सरकार द्वारा सभी स्थानीय पूजन परंपराओं का निर्वहन करते हुए मां दुर्गा की वार्षिक पूजा का आयोजन किया जाता है। जिसमें सरायकेला के पुराने बस स्टैंड चौक स्थित श्री श्री सरकारी दुर्गा पूजा मंडप में विधि विधान के साथ मां दुर्गा की वार्षिक पूजा की जाती है।

इस वर्ष भी कुल ₹120000 खर्च कर सरकार द्वारा मां दुर्गा की वार्षिक पूजा की तैयारी की जा रही है। जिसमें श्री श्री सरकारी दुर्गा पूजा मंडप के रंग रोगन और जीर्णोद्धार के कार्य प्रगति पर है। आगामी 1 अक्टूबर को महाषष्ठी पूजा के अवसर पर बेलवरण के साथ दुर्गा मंडप के पट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे।

इस वर्ष होगा खास:-

राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक बताते हैं कि इस वर्ष अपना भारत स्वच्छ एवं श्रेष्ठ की थीम पर मां दुर्गा के वार्षिक पूजन उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत पूजा मंडप परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही स्वच्छता के विशेष इंतजाम करते हुए स्वच्छ हो अपना सरायकेला स्वस्थ हो अपना देश पर जागरूकता संदेश दिया जाएगा। इसके अलावा सनातनी संस्कारों को लेकर महानवमी पर कुंवारी पूजन का आयोजन किया जाएगा। और सनातनी संस्कारों के तहत ही घरों एवं समाजों में वृद्ध जनों की सेवा सुश्रुषा के लिए आगंतुक भक्तों को विनय संदेश दिया जाएगा।

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