मंत्री चंपाई सोरेन की पहल पर संभव हुआ गरीब चैतन का इलाज;
सानंद और लिपू ने किया सहयोग।
सरायकेला। कहते हैं कि ईश्वर जिसकी रक्षा करना चाहता है उसके लिए किसी न किसी रूप में सहायता भेज देता है। यानी जाको राखे साइयां मार सके ना कोय की कहावत सरायकेला में एक मामले में चरितार्थ होते हुए देखी गई। जहां पिछले 8 सालों से दुर्घटनाग्रस्त पैरों से मजबूर चल रहे चैतन मुखी को राज्य के परिवहन एवं आदिवासी कल्याण मंत्री एवं स्थानीय विधायक चंपाई सोरेन का सहयोग और झामुमो युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सानंद आचार्य उर्फ टूलु एवं झामुमो के लिपू महंती का साथ मिला। जिसके बाद बीते शुक्रवार से चैतन मुखी के चेहरे पर खुशियां लौट आई है। और चैतन अपनी खुशियां लौटाने के लिए मंत्री चंपाई सोरेन सहित सानंद आचार्य उर्फ टुलु एवं लिपू महंती का बारंबार आभार जताया है।
क्या है मामला:-
सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र के नोरोडीह का रहने वाला चैतन मुखी का वर्ष 2014 में कार एक्सीडेंट में एक पैर बुरी तरह से टूट गया था। उसका इलाज जमशेदपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। जहां इलाज के क्रम में उसके पैर में जो स्टील लगा हुआ था उसे छोड़ दिया गया। कुछ दिनों बाद वह अस्पताल बंद हो गया। उसके बाद से ही चैतन मुखी ने पिछले 7 वर्षों से पैर में लगे स्टील को निकालने का काफी प्रयास किया। इस दौरान कई स्थानीय पूंजीपतियों में भी उसकी मदद करने का वादा किया। परंतु समय पर मुकर गए। बताते चलें कि दिहाड़ी पर मजदूरी का काम करने वाले चैतन मुखी के पैर से लाचार हो जाने पर उनके परिवार पर गहरा आर्थिक संकट आ गया। इसी दौरान विगत 2021 के जुलाई महीने में मंत्री चंपाई सोरेन के संज्ञान में मामले के आने के बाद उन्होंने सानंद आचार्य उर्फ टुलु एवं लिपू महंती को उसे ठीक करने की जिम्मेदारी दी। तब से लेकर लगातार उक्त दोनों ने रांची एवं जमशेदपुर के अस्पतालों में चैतन का इलाज कराते हुए बीते शुक्रवार को चैतन के चेहरे पर खुशियां वापस लौटा दी। एक छोटे से ऑपरेशन के साथ चैतन के पैरों में लगे स्टील को चिकित्सकों द्वारा हटा दिया गया। उसके बाद चैतन पूरी तरह से स्वस्थ और अपने दोनों पैरों पर चलने लायक बन सका है।