छात्रों पर केस होने के कारण उनका नामांकन रद्द करने का निर्णय छात्रों के
संवैधानिक अधिकारों का हनन है : एआईडीएसओ
सरायकेला। कोल्हान विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में लिए गए निर्णय के अनुसार जिन छात्र-छात्राओं पर मामला दर्ज किया गया है उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें दोबारा दाखिला नहीं दिया जाएगा, का विरोध ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन द्वारा किया गया है। एआईडीएसओ के कोल्हान विश्वविद्यालय प्रभारी सोहन महतो ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा है कि इस प्रकार का निर्णय एकेडमिक काउंसिल के गरिमा को धूमिल करता है। यह विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण समिति है। जो विश्वविद्यालय के विभिन्न निकायों के शिक्षण, शोध तथा भावी कार्यक्रमों, छात्रों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय करने का निकाय है। ऐसे में शिक्षा और छात्र विरोधी निर्णय सरासर गलत है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार का निर्णय ना केवल छात्रों को पढ़ने से रोकेगा। बल्कि यह कहीं ना कहीं छात्रों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी करता है। इस संबंध में जानकारी देते हुए एआईडीएसओ के जिला उपाध्यक्ष एमपी सिंह सरदार बताते हैं कि इस प्रकार का निर्णय छात्र आंदोलन को दबाने का एक प्रकार का प्रयास भी है। ताकि छात्र आंदोलन के क्रम में नेतृत्व कर्ताओं पर मुकदमे दर्ज कर दिए जाएं। और उनका नामांकन से उन्हें वंचित कर दिया जाए। उन्होंने कहा है कि देश की आजादी के आंदोलन के दरमियान भी सैकड़ों हजारों लोगों के ऊपर मुकदमे दर्ज किए गए थे, परंतु उन्हें शिक्षा लेने से वंचित नहीं किया गया। मांग की गई है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के महत्वपूर्ण निकाय द्वारा इस प्रकार के निर्णय को अविलंब वापस लेना चाहिए। अन्यथा इस निर्णय के खिलाफ छात्र संगठन ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन व्यापक तौर पर आंदोलन करेगा।