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सरायकेला-खरसावां(सुदेश कुमार)  प्रदूषण फैलने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ आज एक परिवार के नौ बहनें प्रताड़ित हो रही है। प्रदूषण के प्रभाव से प्रभावित हुई नौ बहनों ने इस संबंध में न्याय की गुहार लगाई है। जिसमें पिंडराबेड़ा गांव निवासी स्वर्गीय राम मांझी की सभी 9 बेटियों ने कंपनी की कारस्तानियों को लेकर दुखड़ा सुनाया है।

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प्रभावित नो बहनों लॉटरी माझी, सोनामनी माझी, प्रेमलता माझी, आशालता माझी, स्नेह लता माझी, सुमन हाँसदा, बाहा सोरेन, नीलमानी माझी एवं सावित्री हेंब्रम द्वारा बताया गया कि पिता के निधन के बाद उनकी 1.08 एकड़ खेतिहर जमीन 1.20 एकड़ जमीन के साथ कुल तकरीबन 2.28  एकड़ जमीन सभी बहनों के हिस्से में आया है। जिसमें एक तालाब भी शामिल है।

मेसर्स आधुनिक पावर एंड एलॉय लिमिटेड पदमपुर कांड्रा द्वारा स्थापना के बाद से ही उनके जमीनों और तालाब में लगातार वेस्ट मटेरियल फ्लाई एस डंप करते हुए और कंपनी के स्लैग वेस्ट को कृषि भूमि पर डंप करने के कारण उपजाऊ कृषि भूमि बंजर हो गई है।

जहां खेती कर पाना अब नामुमकिन सा हो गया है। इसी प्रकार वेस्ट मैटेरियल के तालाब में डंपिंग के कारण तालाब का पानी उपयोग योग्य नहीं रह गया है। साथ ही तालाब की सभी मछलियां भी मर चुकी है। सभी बहनों ने इस संबंध में बताया है कि वह सभी जमीन रहते हुए जमीन विहीन हो गए हैं। और पिछले 8 वर्षों से कंपनी को इस संबंध में लगातार आवेदन देते हुए मुआवजे की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा है

कि कंपनी मुआवजा देने से लगातार आनाकानी कर रही है। इसे देखते हुए सभी नौ बहनों द्वारा निर्णय लिया गया है कि यदि कंपनी द्वारा 15 दिनों के भीतर उचित मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो वह सभी उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाएंगे।

भूमि प्रदूषण का ऐसा नजारा कहीं नहीं :– आधुनिक कंपनी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे उपायों के पर्यावरण के हित की दृष्टि में गंभीरता पूर्वक से जांच किए जाने का विषय बताया जा रहा है। जहां कंपनी की स्थापना के बाद से ही कई एकड़ खेतिहर जमीन के ऊपर फ्लाई ऐश की काली परत जमी हुई है। और अनाज के रूप में कभी सोना उगलने वाली उक्त खेती की जमीनें बंजर हो चली हैं। बताया जा रहा है कि खेतिहर जमीन की बदहाली का ऐसा नजारा शायद ही कहीं देखा गया होगा। बावजूद इसके इतने लंबे समय तक किसी प्रकार का जांच नहीं किया जाना भी जांच का विषय बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि आसपास के जल स्रोत क्षेत्र भी इसे लेकर गंभीर प्रदूषण के शिकार हुए हैं।

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