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क्या समय आ गया कि मुद्दे को कफन और दो गज जमीन को तरसना पड़ाता है ।

गुमला – कोरोना महामारी युग ने लोगों को सब कुछ सीखा दिया, दो गज दुरी ने अपने से दुर इतना कर रखा कि मरने के बाद लोग अपने को दो गज दफन के लिये जमीन भी देने से इंकार कर दिया।ऐसा ही ताजा मामला गुमला जिला के बिशुनपुर प्रखण्ड के सियार टोली निवासी सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर 65 वर्षीय ऐलकसूस लकड़ा की मौत कोरोना से रविवार को गुमला सदर अस्पताल में हो गई। ऐलकसूस लकड़ा का तबीयत 4 दिन पूर्व विगड़ी , मजदूरजिसके बाद परिजनों द्वारा उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर लाया गया था। जहां चिकित्सकों के निर्देश के बाद कोरोना सैंपल लिया गया था । वही बेहतर इलाज के लिए गुमला सादर अस्पताल ले गए। जहां उनका इलाज चल रहा था। इधर 2 दिन पूर्व समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैं दिया गया सैंपल में अलेक्सूस लाकड़ा का जांच रिर्पोट पॉजिटिव आया था। और रविवार को सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
इधर संक्रमित मृतक का शव 5:00 बजे बिशुनपुर गांव पहुंचा परिजनों और प्रशासन द्वारा चयनित श्मशान घाट मुदांर डैम ले जाया गया जहां स्थानीय मुंदार गांव एवं नजदीकी गांव के ग्रामीणों ने उक्त स्थल पर शव जलाने का विरोध करते हुए शव को बैरंग लौटा दिया।
संक्रमित का शव लेकर गुमला से पहुंचे एंबुलेंस ग्रामीणों का विरोध देख मुंदार डैम के समीप शव को उतार कर चलते बना।
इधर ग्रामीणों के विरोध करने के बाद जेहन गुटवा गांव में दफनाने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद ट्रैक्टर में उसे लादकर परिजन घंटों मुख्यालय में घूमते रहे जिसके उपरांत जेहन गुटवा गांव पहुंचे वहां भी गांव के लोगों ने कोरोना संक्रमित को गांव के श्मशान में दफनाने का विरोध कर दिया। जिसके बाद मृतक के रिस्तेदार ने अपने स्वयं की जमीन पर उसे दफनाने की बात कहीं गई परंतु गांव वालों ने कहा कि किसी भी सूरत पर गांव में संक्रमित कि शव को दफनाने नहीं दिया जाएगा। इस मामले में बड़ा सवाल रहा की प्रशासन के द्वारा शमशान चिन्हित किया है तो प्रशासन वहां पर शव को क्यों नहीं जलवा रही है। प्रशासन की लापरवाही के कारण शव को परिजन 18 घंंटा लेकर भटकना पड़ा । हालांकि संक्रमित का शव घंटों इधर-उधर घूमता रहा परंतु प्रखंड प्रशासन के कोई भी अधिकारी नहीं दिखे स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सिर्फ परिजनों को पीपी किट उपलब्ध कराया गया जिसे पहन कर परिजन ट्रैक्टर में शव को लादकर इधर-उधर घुमा रहे थे खबर लिखे जाने तक मृतक को 2 गज जमीन तक नहीं मिल सकी थी।रविवार रात भर ट्रैक्टर में शव प्रखंड मुख्यालय के बाहर पड़ा हुआ हैं।

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