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103वीं जयंती पर बिसार दिए गए मॉडर्न छऊ के जनक प्रिंस स्वर्गीय शुभेंद्र नारायण सिंहदेव, जिनके छऊ नृत्य को देखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी कहा था…..

“यू डांस ब्यूटीफुली…..”

कहते हैं कि इतिहास के सम्मान से ही वर्तमान निखरता है और भविष्य संवरता है। परंतु यदि युगपुरुषों को ही उनके महत्वपूर्ण अवसरों पर बिसार दिया जाए तो वर्तमान की तो छोड़िए भविष्य को काली स्याह बनने से नहीं रोका जा सकता है।

सरायकेला sanjay ।  कुछ ऐसा ही वाक्या सरायकेला में बीते सोमवार को देखने को मिला। जब सरायकेला राज दरबार के गलियारे से रॉयल छऊ नृत्य कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले राजघराने के प्रिंस स्वर्गीय शुभेंद्र नारायण सिंहदेव उर्फ मझिया लाल को उनकी जयंती पर ही भुला दिया गया। कहा जाता है कि जिस देश में कलाकारों का सम्मान नहीं होता, वहां से विकास के देवता भी पलायन कर जाते हैं। 6 फरवरी 1920 को सरायकेला राज परिवार में जन्मे प्रिंस स्वर्गीय शुभेन्द्र नारायण सिंहदेव मात्र 5 वर्ष की उम्र से ही छऊ नृत्य की शिक्षा प्रारंभ कर दिए थे। 1926 में उनके प्रयास से मॉर्डनाइजेशन ऑफ छऊ डांस का सफर शुरू हुआ था।

प्रिंस स्वर्गीय शुभेन्द्र नारायण सिंहदेव ने रॉयल ट्रूप का गठन कर पद्मश्री गुरु स्वर्गीय केदारनाथ साहू के साथ इटली और इंग्लैंड जैसे देशों का भ्रमण कर सरायकेला छऊ नृत्य कला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित करने का कार्य किया था। वर्ष 1937 में द नाइटेंगल ऑफ़ इंडिया सरोजिनी नायडू के विशेष आमंत्रण पर प्रिंस स्वर्गीय शुभेन्द्र नारायण सिंहदेव ने कोलकाता के नेताजी भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समक्ष छऊ नृत्य की प्रस्तुति की थी। जिस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा उन्हें कहा गया था यू डांस ब्यूटीफुली। श्री कला पीठ के पेट्रोन और अध्यक्ष राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव द्वारा भी अपनी पुस्तक में द सुपरस्टार ऑफ सरायकेला छऊ राजकुमार शुभेन्द्र महान छऊ डांसर के लिए समर्पित आर्टिकल प्रकाशित किया गया है। परंतु कहा जाता है कि अच्छे लोगों का जीवन काल कम ही होता है।

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जिसे लेकर 24 जुलाई 1944 को खरकाई नदी में डूबने से प्रिंस स्वर्गीय शुभेन्द्र नारायण सिंहदेव की मौत हो गई थी। अपनी छऊ नृत्य कला से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले प्रिंस स्वर्गीय शुभेन्द्र नारायण सिंहदेव की मन मोहने वाले यादगार नृत्य मयूर, सागर, राधा-कृष्ण, चंद्रभागा, तांडव, हंस, रामाशोक और नाभि के लिए आज भी उन्हें हृदय से याद किया जाता है। जयंती पर महान कलाकार प्रिंस स्वर्गीय शुभेन्द्र नारायण सिंहदेव को भुला दिए जाने की घटना से आहत युवा छऊ नृत्य कलाकार सीनियर फैलोशिप विजेता रजतेन्दु रथ बताते हैं कि ऐसे महान कलाकारों की याद सरायकेला छऊ जगत के लिए मजबूत स्तंभ है। जिसे कला एवं संस्कृति के संरक्षण की दृष्टि से आने वाली पीढ़ी के दिलों में बीजारोपण करने की आवश्यकता है।

सरायकेला 

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