Spread the love

एक करोड़ रुपये मुआवजा राशि सहित दस सूत्री मांगों को लेकर चांडिल के विस्थापितों ने किया विकास भवन का हुड़का जाम, लाल कपड़े से ताला सील कर चिपकाया नोटिस…

 

गम्हरिया: जगबंधु महतो ….

Advertisements
Advertisements

अब चांडिल के विस्थापित एक करोड़ रुपये मुआवजा मांग रहे हैं. साथ ही सरकारी नौकरी और 25 डिसमिल जमीन भी. ऐसे ही दस सूत्री मांगों को लेकर अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले 84 मौजा के बैनर तले 116 गांव के विस्थापितों ने आदित्यपुर स्थित विकास भवन कार्यालय का हुड़का जाम किया। विस्थापितों ने सभी सरकारी प्रक्रिया की तरह ही लाल कपड़ा से ताला बंद कर उसे सील कर दिया। पिछले 129 दिनों से लगातार अनशन पर बैठे विस्थापित से किसी भी अधिकारी ने वार्ता नहीं की जिससे गुस्साए लोगों ने आज हुड़का जाम किया।

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विस्थापित लगातार अपनी आवाज बुलंद किए हुए हैं।

1. चाण्डिल डैम के पूर्ण एवं आंशिक रूप से 116 विस्थापित गाँवो का भूर्जन वर्ष 2001 तक सम्पन्न किया जा चुका है, परन्तु अभी तक पूर्ण नियोजन प्राप्त नही हुआ है, अत: विकासपुस्तिका में अंकितनुसार प्रत्येक विस्थापित परिवार को सरकारी नौकरी दिया जाए।
अथवा
उच्चतम न्यायालय द्वारा 8 फरवरी 2017 को मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना के प्रत्येक विस्थापित परिवार के लिए 60 लाख रुपए मुआवजा देने आदेश के तर्ज पर चाण्डिल डैम विस्थापितों को 1 करोड़ मुआवजा दिया जाए।

2. 1990 के पूर्नवास नीति के अनुसार सभी विस्थापितों को पूनर्वास के लिए 25 डिसमिल भूखंड दिया जाना था, पर पुनरीक्षित पुनर्वास नीति 2012 के प्रावधानों (कंडिका-5.1 (क) के मुताबिक, अब 12.5 डिसमिल दिया जाना है। जिसे पुन: 25 डिसमिल किया जाए।

3. सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना चांडिल डैम विस्थापितों को पुनरीक्षित पुनर्वास नीति 2012 को आधार मानकर दिशा निर्देश पालन किया जाता है। अत: 2012 वर्ष को आधार मानकर भूअर्जन अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत विकास पुस्तिका में अंकित सदस्यों का उम्र 2012 तक 18 वर्ष पूर्ण होने वाले सभी सदस्यों का नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया जाए।

4. चाण्डिल डैम प्रबंधन द्वारा जमीन अधिग्रहण करके आज 40 वर्ष हो रहे हैं, कई विकास पुस्तिका में परिवार प्रमुख का मृत्यु हो चुका है।
अत: उक्त विकास पुस्तिका के आश्रितों के नाम विकास पुस्तिका निर्गत किया
जाए।

5. पूर्नवास का समस्या ज्यों का त्यों बना हुआ है। अत: 116 गांवों का ही पूर्नवास सुविधायें पुनरीक्षित पुनर्वास नीति 2012 के प्रावधानों (कंडिका 5.5 ) के अनुसार मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराया जाए। एवं पुनर्वास स्थल पर बसे हुए विस्थापितों के नाम जमीन का पट्टा दिया जाए।

6.चाण्डिल डैम द्वारा विस्थापन के बदले दिया गया नौकरी, निर्गत किया गया विकास पुस्तिका, निर्गत किया गया पुनर्वास पैकेज तथा पुनर्वास स्थल पर अधिग्रहण किए गए प्लॉट का उइक जांच हो

7. 28 सितंबर 2022 को अनशन के दौरान ट्रैक्टर द्वारा कुचले जाने से घायल हुए व्यक्तियों को मुआवजा तथा नौकरी दिया जाए।

8. हमारा वार्ता सार्वजनिक रूप से 116 गांव के प्रतिनिधिमंडल के साथ सिर्फ केंद्रीय टीम अथवा केंद्रीय जल संसाधन विभाग के साथ ही किया जाए।

9. चांडिल डैम के माध्यम से सृजित होने वाले हर योजना ,रोजगार और लाभ का पहला अधिकार चांडिल डैम विस्थापित को प्राप्त होना चाहिए ।

10. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं किया जाता चाडिल डैम का जल
भंडारण 177 मीटर रखा जाए तथा 177 मीटर तक जलस्तर बढ़ाने से पहले डूबा क्षेत्र में प्रशासनिक जन सूचना जारी हो।

राकेश रंजन, विस्थापित

अनुप महतो, विस्थापित

Advertisements