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गम्हरिया प्रखंड के चमारू गांव में छऊ नृत्य, घट पाट, चड़क पूजा एवं रजनीफुड़ा के साथ धुमधाम से परंपरागत पांच दिवसीय भोक्ता पर्व का हुआ समापन…

सरायकेेला: संजय मिश्रा : गम्हरिया प्रखंड के चमारू गांव में बृहस्पतिवार को धूमधाम से छऊ नृत्य, घट पाट, चड़क पूजा एवं रजनीफुड़ा के साथ परंपरागत पांच दिवसीय भोक्ता पर्व का समापन किया गया। देर रात भोक्त उपासना पूर्वक संजय नदी पहुंचे। वहां शुद्धता से स्नान कर शिव शक्ति को समर्पित यात्रा घट धार्मिक अनुष्ठान में पूजा अर्चना किये। भोत्ताओं द्वारा झंडा एवं गरियाभार का पूजन कर प्राचीन शिव मंदिर चमारू में जगत क्षेत्र एवं गांव की खुशहाली के लिए मंगलकामना की गई।

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आयोजक शिव शंकर छऊ नृत्य क्लब चमारू के अध्यक्ष सह ग्राम प्रधान प्रभात रंजन महतो ने बताया कि छऊ नृत्य में चारों युगों का समावेश देखने को मिलता है। शिव शक्ति को समर्पित यात्रा घट अर्थात प्रारंभ घट, धार्मिक अनुष्ठान सतयुग का वृतांत है, वृन्दाबनी घट त्रेता युग व गरियाभार घट द्वापर युग का वृतांत है। तथा कालिका घट को कामना घट भी कहा जाता है। छऊ नृत्य शैववाद, शक्तिवाद, वैष्णव वाद में पाये गए, धार्मिक विषयों के साथ एक संरचित नृत्य के लिए लोक नृत्य के उत्सव विषयों में किया गया है। पूजा एवं छऊ का स्थापना वर्ष 1806 में हुआ। छऊ नृत्य को देखने के लिए आसपास के गांव, दूर दराज, झारखंड एवं उड़ीसा, बंगाल के हजारों दर्शक देखने पहुंचे। छऊ नृत्य के प्रदर्शन को देखकर सभी श्रद्धालुओं खुशी से झूम उठे।

छऊ नृत्य में भाग लेने वाले दलों में जय मां मनसा आदिवासी टोला टेंटोपोसी जिसके उस्ताद कार्तिक त्रिपाठी एवं चमा सरदार, छःऊ नृत्य पार्टी काशीपुर जिसके उस्ताद मृत्युंजय महतो, मेजबान शिव शंकर छऊ नृत्य क्लब चमारू के उस्ताद खोका राम महतो के नेतृत्व में मनमोहक छऊ नृत्य नाविक, मेघदूत, महिषासुर बध, हर पार्वती, राधा कृष्ण, पताका, रात्रि, माटीर मानुष, हरे विष्णु, कुसुम कली, वानविद्धा, सागर, नाभिक, मेघदूत, धीवर, उरुभंग आदि नृत्यों का प्रदर्शन किया गया। तड़के प्रातः से ही रजनीफुड़ा एवं गदाडांग का भी आयोजन किया गया। मन व आत्मा की शांति के लिए शरीर को बेहद कष्ट देने वाली परंपरा है।

विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना के बाद मनोकामना पूर्ण होने पर शिव भक्त ने अपने पीठ पर लोहे के छड़ से चमडे़ में आर पार कर हट भक्ति का प्रदर्शन किये। बताया गया कि भगवान शिव शंकर की कृपा से दर्द भी नहीं होता है, न दवाई, न इंजेक्शन की जरूरत नहीं होती है केवल पूजा वाला सिन्दूर लगा देने से घाव ठीक हो जाता है। छऊ एवं मेला को सफल संचालन में आयोजक कमेटी के अध्यक्ष प्रभात रंजन महतो, सचिव विश्वनाथ महतो, कोषाध्यक्ष गिरीधारी महतो, सदस्य रिषीकेश महतो, रतीलाल महतो, उदय महतो, सूरज महतो, विकास महतो, आशीष महतो, मानसिंक मुर्मू, लाल मुर्मू, नरेश महतो, नवीन महतो, कांग्रेस महतो, बलभद्र महतो, कृष्णा महतो एवं ग्रामवासी का सराहनीय योगदान रहा।

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