नीमडीह स्टेशन में 20 सितंबर से अनिश्चितकालीन रेल टेका एवं डहर छेंका करने को लेकर आदिवासी कुड़मी समाज की बड़ी तैयारी…
चांडिल : कल्याण पात्रा
सोमवार को आदिबासी कुड़मी समाज के तत्वावधान में नीमडीह प्रखण्ड स्थित मुकुंद मेमोरियल पब्लिक स्कूल रघुनाथपुर में 20 सितंबर से नीमडीह स्टेशन में दुसरी बार रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन को सफल बनाने को लेकर समाजसेवी शंकर महतो की अध्यक्षता में एक तैयारी बैठक किया गया। इसमें पूरे ईचागढ़, कुकड़ु, नीमडीह, चांडिल, पटमदा व पूर्वी सिंहभूम एवं पश्चिम सिंहभूम क्षेत्र से समाज के सैंकड़ों सक्रिय सदस्य लोग शामिल हुए ।
इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि आदिवासी कुड़मी समाज के केन्द्रीय सह सचिव जयराम महतो ने कहा कि छोटानागपुर एवं संथालपरगना के कुड़मी जनजाति भारत के प्रथम जनगणना 1901 एवं 1911 में कुड़मी को “एबओरजिनल कम्युनिटी”1921 में “एनीमिस्टस” तथा 1921 में प्रिमिटिव ट्राइब की सूची में शामिल थी।
भारत सरकार का आदेश एसआरओ 510 दिनांक 6 सितंबर 1950 और नं०2-38-50 पब्लिक दिनांक 5 अक्टूबर 1950 यह घोषित करता है कि केवल वे जनजातियां जिनका नाम 1931 की जनगणना प्रतिवेदन में प्रिमिटिव ट्राइब की सूची में शामिल है उन्हें देश की संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार राष्ट्रपति किसी ट्राइब या ट्राइब्स जनजाति समुदाय को अनुसूचित जनजाति में घोषित करेंगे । और उन्हें अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल किया जाएगा।
किंतु छोटानागपुर एवं संथालपरगना के कुड़मी जनजाति को 1931 की जनगणना में प्रिमिटिव ट्राइब की सूची में रहते हुए भी 1950 की अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया गया। इस विषय पर तत्कालीन सांसद सदस्य हृदयनाथ कुजरु द्वारा संसद में पूछे गए प्रश्न के जवाब में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं॰ जवाहरलाल नेहरू ने सरकारी भूल एवं भूल सुधारने की बात कबूल की थी, तब से अब तक 73 वर्षों से लगातार यह जनजाति अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध हेतु आन्दोलनरत हैं।
तत्कालीन सरकार के द्वारा लोकसभा एवं राज्यसभा में भी बिल पास करने के बावजूद अब तक भूल सुधारी नहीं गई। अर्थात् एसटी सूची में कुड़मी को जोड़ने की ही बातें थी। परंतु आज की सरकारें टीआरआई और सीआरआई के नाम पर हमें अपना अस्तित्व एवं संवैधानिक अधिकार से वंचित रखने की काम कर रही है।
जिसके विरोध में इस बार जगह जगह बैठक कर समाज आंदोलन का धार तेज किया जा रहा है । इस मुहिम के अंतर्गत झाड़खंड में चार जगहों (नीमडीह, गोमो, मुरी एवं मनोहरपुर), उड़ीसा में तीन, एवं पश्चिम बंगाल में कुशटांढ़ और खेमाशूली दो जगहों पर एक साथ 20 सितंबर 2023 से पुनः अनिश्चितकालीन रेल टेका एवं डहर छेंका आंदोलन करने का संकल्प लिया गया है।इस बार स्टेशनों में हजारों-लाखों की भीड़ शामिल होंगे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो, अशोक पुनअरिआर , गुणधाम मुतरुआर, तपन कुमार काटिआर, बादल महतो, बासुदेव महतो, सुकुमार महतो, अनुप महतो, श्यामलाल, सुदर्शन, प्रकाश, सुखेन, नीलकमल, बाबलु, दीपक,दिनेश, हरेकृष्ण,निर्मल महतो आदि ने अपना अहम योगदान दिया ।