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सरायकेला-खरसावां (संजय कुमार मिश्रा) केंद्र सरकार के निर्देश के बाद भी देशभर में सिर्फ झारखंड ही इकलौता राज्य है, जहां कर्मियों को हटाकर उनकी जगह नई नियुक्ति की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। केंद्र संपोषित स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत वर्ष 2016 से पूरी लगन और इमानदारी के साथ काम कर रहे अनुबंध कर्मियों को हटाए जाने की प्रक्रिया से आहत हुए अनुबंधकर्मियों ने अपनी सेवा यथावत रखने की सरकार से मांग की है। इस अवसर पर सुशांत प्रमाणिक के नेतृत्व में इकट्ठा हुए सभी अनुबंध कर्मियों ने बताया कि उनके द्वारा लगन और मेहनत एवं इमानदारी से किए गए कार्य के फलस्वरुप झारखंड राज्य को अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अनेकों पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया है कि पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के नाम से एक पत्र जारी किया गया था। जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया था कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत पूर्व से कार्यरत सभी कर्मियों को समायोजित करते हुए शेष नए सृजित पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाए। इसी प्रकार एक अन्य पत्र के माध्यम से भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देशित किया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत रखे गए सभी कर्मियों के वेतन आदि का भुगतान करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के प्रशासनिक मद एवं आईईसी मध्य से भुगतान किया जा सकता है। जिस पर कार्रवाई करते हुए देश के सभी राज्यों ने अपने कर्मियों को समायोजित कर लिया है। सिर्फ झारखंड इकलौता राज्य है जहां कर्मियों को हटाकर उनके जगह नई नियुक्ति प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उन्होंने इस अवसर पर राज्य सरकार से मांग की है कि उनकी सेवाओं को यथावत रखते हुए अन्य तकनीकी पद यदि आवश्यक हो तो उनकी ही नियुक्ति प्रक्रिया की जाए। इसके बावजूद भी यदि चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है तो सभी कर्मी कार्य बहिष्कार करते हुए सड़क पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस अवसर पर मनीष कुमार माहली, सुनील किस्कू, शशि भूषण महतो, मानगोविंद महतो, गोवर्धन महतो, सुनील कुमार बेसरा, समर कुमार झा, मोनिका महतो, जीत सिंह सोय एवं श्याम चरण प्रमाणिक सहित अन्य मौजूद रहे।

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