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अक्षय तृतीया व रथ निर्माण को लेकर जगन्नाथ सेवा समिति की हुई बैठक . . .

सरायकेला : sanjay

आगामी 10 अप्रैल को होने वाली अक्षय तृतीया के साथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रथ निर्माण कार्य का शुभारंभ को लेकर श्री जगन्नाथ सेवा समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक जगन्नाथ श्री मंदिर सभागृह में आयोजित की गई। समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ शंकर सिंहदेव उर्फ राजा सिंहदेव की अध्यक्षता में हुई उक्त बैठक में कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया गया। इलाके के आराध्य देव भगवान महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का रथ निर्माण आरंभ सह पवित्र अक्षय तृतीया की पूजा-अर्चना को लेकर समिति के सदस्यों के बीच विचार विमर्श किया गया। 10 मई, शुक्रवार तदनुसार तिथि कृतिका एवं रोहिणी नक्षेत्र युक्त तृतीया (अक्षय) के अवसर पर प्रातः 8:00 बजे हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रथ निर्माण का श्री गणेश किया जायेगा। सृष्टि के इस प्रथम दिवस पर मंदिर की साफ सफाई के साथ कारिगर व निर्माण कार्य में यजमान के रूप में पूर्व सचिव सह जगन्नाथ सेवक कार्तिक कुमार परिच्छा को हर वर्ष की भांति तैयार रहने को निर्देश दिया गया। समिति द्वारा इस बार रथ की आवश्यक मरम्मती के साथ एक नए रथ का निर्माण हेतु भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। जिसको लेकर समिति आने वाले समय में नए रथ निर्माण पर विचार कर अमली जामा पहनायेगी। सनद रहे कि बिहार सरकार से लेकर झारखंड सरकार के मौजूदा कार्यकाल तक सरायकेला रथयात्रा हेतु किसी भी प्रकार का कोई धन राशि नहीं दी जाती है। जिसको लेकर इस देशी रियासत के जनमानस के प्रति सौतेला व्यवहार का आरोप लगता आया है। यद्यपि देशी रियासत के विलय दस्तावेज में उड़ीसा की संस्कृति की तरह स्थानीय परंपराओं का निर्वाह करना तत्कालीन शासक एवं गवर्नर जनरल के इकरारनामे दिनांक 15/12/1947, स्थल कटक में उल्लेख है। बैठक में सेवा समिति के अध्यक्ष राजा सिंहदेव, पूर्व अध्यक्ष बादल दुबे, सचिव पार्थसारथी दास, पूर्व सचिव कार्तिक कुमार परिच्छा, गणेश सथपथी, राजेश मिश्रा, कोल्हू महापात्र, परशुराम कवि, अजय साहु, चित्रा पटनायक, सुमित महापात्र आदि उपस्थित रहे।

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