चरणबद्ध आंदोलन के तहत टेट पास पारा शिक्षकों ने सौंपा विधायक सविता महतो को मांग पत्र।
सरायकेला। टेट सफल सहायक अध्यापक संघ सरायकेला-खरसावां जिला इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को अपनी दो सूत्री मांगों के समर्थन में ईचागढ़ विधायक सविता महतो को ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी सह वार्ताकार कमिटी सदस्य कुणाल दास ने किया. विदित हो कि संघ के प्रदेश कमिटी ने टेट पास पारा शिक्षकों का सरकारी शिक्षक के पद पर सीधे समायोजन और टेट विसंगति समाधान की मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है. इसी के तहत राज्य भर के टेट पास पारा शिक्षक 13 और 14 जुलाई को अपने-अपने क्षेत्र के सत्तारूढ़ दलों के विधायकों-मंत्रियों को मांग पत्र सौंप रहे हैं. इस दौरान प्रदेश मीडिया प्रभारी श्री दास ने कहा कि टेट पास पारा शिक्षक एनसीटीई और एनइपी के सभी मानकों को पूर्ण करते हुए सरकारी शिक्षक बनने की अहर्ता रखते हैं. हेमंत सरकार गठन के बाद पूरी उम्मीद थी कि यह सरकार हमें अपना वाजिब ओहदा ज़रूर बख्शेगी. किंतु दुर्भाग्यपूर्ण है कि तकरीबन दो वर्षों के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद विगत वर्ष दिसम्बर माह में पारा शिक्षकों को एक दोयम दर्जे की नियमावली थमाते हुए सरकार ने महज़ मानदेय बढ़ोतरी की. टेट पास पारा शिक्षकों की ओर से तत्काल इस पर आपत्ति दर्ज़ किए जाने पर मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री ने स्वयं आश्वस्त किया था कि अगले एक माह के भीतर विचार-विमर्श कर टेट पास पारा शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा. किंतु आश्वासन के छः महीने बीत जाने के बाद अब सरकार ने इस मामले पर चुप्पी साध ली है। और उल्टे हर स्तर पर सरकार पारा शिक्षकों के बीस साल पुरानी समस्या का समाधान कर गुजरने का दावा कर जले पर नमक छिड़क रही है. संघ इसका पुरजोर विरोध करता है. सिर्फ यही नहीं राज्य सरकार ने जो नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली जारी की है उस पर भी संघ आपत्ति जता चुकी है. उक्त नियमावली में चपरासी रैंक का वेतनमान, नाम में बदलाव, अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को आमंत्रण एवं पारा शिक्षकों को भी आम अभ्यर्थियों की तरह परीक्षा से गुजारने जैसे बिंदु पूरी तरह से झारखण्डी भावना के विपरीत है.
पारा शिक्षक पहले से लगभग बीस वर्षों के शिक्षण कार्य का अनुभव रखते हैं। जबकि एक वृहद जटिल प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी सरकारी शिक्षक बनने के लिए दस साल इंतज़ार करने के निर्णय से अधिसंख्य पारा शिक्षक उम्र समाप्ति के कगार पर पहुंच जायेंगे. इसके अलावा टेट विसंगति के मामले में शुरूआती दौर में शिक्षा मंत्री के सकारात्मक आश्वासन के बाद अचानक से मंत्री जी का यू-टर्न संगठन को नागवार गुजरा है. इससे राज्य भर के तमाम टेट पास पारा शिक्षक आक्रोशित हैं. संघ विधायक के माध्यम से मुख्यमंत्री से आग्रह करता है कि राज्य भर के पारा शिक्षकों की विसंगति की समस्या दूर करे। एवं सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली के सभी आपत्तिजनक बिंदुओं में संशोधन करते हुए सभी टेट पास पारा शिक्षकों को 9300-34800 वेतनमान देकर सरकारी शिक्षक के पद पर समायोजित करे। अन्यथा आगामी 17 जुलाई को तमाम टेट पास पारा शिक्षक शिक्षा मंत्री के बोकारो में भंडारीदह स्थित आवास का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। और इसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी. प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कोर कमेटी सदस्य लखनलाल महतो, जिलाध्यक्ष बादल सरदार, महासचिव भीष्मदेव सिंह मुण्डा, अतुल चन्द्र महतो, संगीता सोरेन, उमाकांत दास, गुरूप्रसाद महतो, मनोज आदि शामिल रहे।
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