आदिवासी कुड़मी समाज के महामंथन में सरायकेला से शामिल होंगे हजारों लोग…
कुड़मी समाज का महाआंदोलन फिर से, 8 से 10 मार्च तक चलेगी ऐतिहासिक महामंथन के बाद रणनीति तय, चुनावों में पड़ सकती हैं प्रतिकूल असर — सुनील गुलिआर…
चांडिल: सुदेश कुमार : गुरुवार को आदिवासी कुड़मी समाज के तत्वावधान में सरायकेला स्थित जिला परिसदन में प्रमंडल के विशेष प्रतिनिधि मंडलों की एक बैठक प्रमंडल प्रभारी मनोहर महतो की अध्यक्षता में बुलाई गई थी। इस बैठक के मुख्य अतिथि आदिवासी कुड़मी समाज के महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों ही वादा खिलाफ कर रहे हैं। रेल-टेका व डहर छेंका आंदोलन को इसलिए 5 दिनों के बाद स्थगित कर दी गई थी क्योंकि वर्तमान के दोनों सरकारों के आश्वासन थे कि 3 महीनों के अंदर हमारी प्रमुख तीनों मांगें पूरी हो जाएगी।
परंतु अब दोनों सरकारें इस विषय को भुल गए। इसलिए 8 से 10 मार्च को लगभग लाखों की संख्या में पुरुलिया स्थित हुलहुली टांइड़ में ऐतिहासिक कुड़माली जिआउ महाजुड़आही (महाजुटान) होगी। इस कार्यक्रम में ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झाड़खंड, छत्तीसगढ़, असम, बांग्लादेश एवं अन्य राज्यों के लगभग 20 लाख लोग शामिल होंगे, इसके लिए पूरी तैयारी महिनों पहले से चल रही है।
श्री गुलिआर ने फिर कहा कि इस बार की महामंथन में समाज के मुख्य तीन मांगों को पुनः हासिल करने के लिए सभी बुद्धिजीवीवर्ग, वरिष्ठ नेतृत्वकर्ता एवं समाज के शुभचिंतकों द्वारा इस विषय पर गहन चिंतन-मंथन करने के बाद महाआंदोलनों की घोषणाएं होगी। सरकार से हमारी पहली मांग कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करें। दूसरा कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करें और तीसरा प्रकृति धर्म कोड लागू करें।
उन्होंने फिर कहा कि इस महाजुटान में हितमितान सह कुड़मी नामधारी के सभी संगठनों के नेतृत्व, समर्थक और सभी राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर वर्तमान एमएलए, एमपी मंत्रियों सहित सभी राजनीतिक नेताओं को भी महामंथन के लिए आमंत्रित किया गया है। ताकि हमारी मांगों की स्थिति को स्पष्ट एवं सही दिशा निर्देश के साथ रणनीति बन सकें।
बैठक में आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय सहसचिव जयराम महतो, प्रदेश उपाध्यक्ष दुर्गा चरण महतो,प्रदेश संगठन सचिव संजीव कुमार महतो, प्रमंडल प्रभारी मनोहर महतो, जिला प्रभारी प्रभात कुमार महतो, जनसंपर्क सचिव गुणधाम मुतरुआर, अशोक पुनअरिआर,यशस्वी प्रियगुणा, गुरुपद महतो, संतोष महतो, मनोज कुमार महतो, विजय महतो, भरतलाल, अमृत महतो आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।