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सरायकेला _ खरसवाॅ (संजय मिश्रा) कहते हैं कि दुनिया में यदि रंग ख् संजय छ तो जीवन की कल्पना ही बेमानी होती। यही जीवन के रंग को तूलिका और कैनवास पर उतारने वाले कलाकार प्रकृति के रंग को जीवंत बनाते हैं।

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कुछ ऐसा ही चित्रकारी कला का नजारा जिले के चांडिल प्रखंड अंतर्गत चैनपुर गांव निवासी 18 वर्षीय सौरभ प्रमाणिक की कला में देखा जा रहा है।

जिन्होंने अपनी इस छोटी सी उम्र में अपने पेंटिंग कला की बदौलत देश सहित विदेशों में भी प्रतियोगिताएं जीतकर अवार्ड हासिल किए हैं। बचपन से ही चित्रकला का शौक रखने वाले सौरभ के पिता किरीटी प्रमाणिक और माता सरस्वती प्रमाणिक उनके प्रेरणास्रोत रहे हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले सौरभ ने अपने पेंटिंग के शौक को आगे बढ़ाते हुए जमशेदपुर के साक्ची स्थित रविंद्र भवन में टैगोर स्कूल ऑफ आर्ट्स से फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद इन्होंने देश और विदेशों के पेंटिंग प्रतियोगिताओं में पार्टिसिपेट किया।


अपने चित्रकला जीवन के सफर में इन्हें शिल्पायन की ओर से आयोजित इंटरनेशनल आर्ट कॉन्टेस्ट 2020 में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसी प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर एस आर्ट द्वारा आयोजित ई-सर्टिफिकेट ऑनलाइन आर्ट कंपटीशन में गोल्डन आर्टिस्ट की अवार्ड से नवाजा गया। राज्य स्तर पर पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2019 में आयोजित प्रतियोगिता में उत्क्रमित उच्च विद्यालय चैनपुर की ओर से भाग लेते हुए राज्य में प्रथम स्थान हासिल हुआ था। इसी प्रकार जिला स्तर पर 2016-17 में शिक्षा विभाग द्वारा इन्हें पुरस्कृत किया गया था। और 2020 में आर्टिस्ट ऑफ द ईयर घोषित किया गया था। इसके अलावा भी स्कूल कंपटीशन में सौरभ पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल करते रहे हैं। इसी क्रम में लॉकडाउन पर बनाए गए पेंटिंग और जागरूकता पेंटिंग को देखते हुए सौरभ को भारतीय कलाकार संघ द्वारा कोविड-19 कोरोना योद्धा राष्ट्रीय सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया है।
वर्तमान में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए जन जागरूकता के लिए तथा लॉकडाउन के दौरान सुव्यवस्थित जीवन व्यवस्था को लेकर सौरभ पेंटिंग बना रहे हैं। जिसे विभिन्न मंचों से सराहा भी जा रहा है। सौरभ के माता पिता ने सौरभ के कामयाबी पर खुशी जाहिर करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की है।

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