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उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्पेशल एनवायरनमेंट सर्विलेंस टास्क फॉर्स की हुई बैठक..

जिला को प्रदुषण मुक्त करने को लेकर उपायुक्त का कड़ा

निर्णय, प्रभावित ग्रामीण कर सकते है शिकायत,

दोषियों पर होगी कार्रवाही……

(सभी बड़े-छोटे औद्योगिक केंद्रों में जागरूकता उद्देश्य से पॉल्यूशन के कारण व बचाव संबंधित बोर्ड लगाया जाए – उपायुक्त)

सरायकेला। राज्य सरकार के निर्देशानुसार उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्पेशल एनवायरनमेंट सर्विलेंस टास्क फॉर्स से सम्बंधित प्रथम बैठक आयोजित कई गई। बैठक में उपायुक्त ने समिति सदस्यों के साथ वार्ता करते हुए टीम गठित कर जिला स्तर पर विभिन्न प्रदुषण जैसे जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि से बचाव हेतु कार्य करने के निर्देश दिए।

इस दौरान बताया गया कि यह चार 4 सदस्यीय टास्क फोर्स का मुख्य कार्य जिले को किसी भी प्रकार के प्रदुषण से बचाना है। चाहे वह जल प्रदुषण, वायु प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण, प्लास्टिक प्रदुषण हो या अन्य किसी भी प्रकार के प्रदुषण पाए जाने पर सम्बंधित व्यक्ति इस टीम को जांच के लिए सूचना दे सकते है। जिसके तहत प्रथम चरण मे जितने भी नदियां है जिसमे इंडस्ट्री का प्रदूषित पानी जाता है उसका जांच किया जायेगा। यदि विभिन्न तकनीक के माध्यम से पानी को साफ कर सकते है या उस पानी के कोई खरीद सकते है वैसे स्थिति मे वह मान्य माना जायेगा। अन्यथा जो ऐसा करते है और जल को प्रदूषित करते है। इसकी जानकारी टास्क फोर्स को दे ताकि ससमय नियम संगत दोषियो के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

टास्क फोर्स का मुख्य उद्देश्य है कि सरकार के मानकों अथवा पर्यावरण के मापदंडो के अंतर्गत ही किसी भी उद्योग का संचालन किया जाना है। और उस निर्धारित सीमा और मापदंडो पर ही बड़े अथवा छोटे उद्योग का संचालन करना है। ताकि प्राकृतिक सोर्स को बचाया जा सके। यदि कोई इसे हानि पहुँचता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

उपायुक्त ने अपील करते हुए सभी कंपनी से कहा कि अपने प्लांट के प्रदूषित पानी की व्यवस्था एवं लाइसेंस की मान्यता की जांच कराये। इस दौरान सभी बड़े छोटे औद्योगिक केंद्रों में जागरूकता उद्देश्य से प्रदूषण के कारण एवं बचाव के उपाय संबंधित पोस्टर लगाने एवं पॉल्यूशन को नियंत्रित करने हेतु विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।

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