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अपने अधिकार के लिए जाग चुकी है, लडे़ंगे पर हक लेकर

रहेंगे : जयराम

मुरी (संदीप पाठक) -झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति की ओर से सिल्ली कॉलेज के समीप मैदान में जनसभा का आयोजन किया गया सभा को संबोधित करते हुए टाइगर जयराम महतो ने कहा कि राज्य की प्रत्येक जनता को जगाने आये हैं।उन्होंने कहा कि झारखंड 22 वर्षों से अपने पहचान के लिए आंदोलनरत है. झारखंड की वर्तमान सरकार जिस नारे के साथ चुनाव जीत कर आई थी उसे भुला बैठी है।हर राज्य की स्थानीय नीति खतियान आधारित होती है और झारखंड के भी जितने पड़ोसी राज्य हैं वे खतियान आधारित हैं।लेकिन झारखंड का दुर्भाग्य है कि यहां खतियान आधारित स्थानीय नीति नहीं है जिस कारण यहां के मूलवासी आज भी नारकीय जीवन जी रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि उनकी और उनकी टीम की मांग है कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू की जाए तभी जाकर यहां के मूलवासियों को उनका अधिकार मिलेगा। सूर्य सिंह बेसरा ने कहा कि मैंने रिश्वत और परिषद के प्रस्ताव को ठुकराते हुए तत्कालीन अविभाजित बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 1991 में कहां था की मेरी लाश पर झारखंड बनेगा उसका प्रतिवाद करते हुए एकमात्र विधायक सूर्य सिंह बेसरा ने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।

झारखंड मुक्ति मोर्चा 2019 के विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र जारी किया था और वादे भी किए थे अपने 2 वर्षों की शासनकाल में लागू करने में विफल साबित हुई है।“स्थानीय नीति” को ना सिर्फ बदलें, बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस( ई) सरकार को ही बदल डाले और तो और आगामी 2024 के विधानसभा चुनाव में झारखंड में सत्ता की परिवर्तन करें। सभा का संचालन युवा नेता राजू महतो ने किया।

इस मौके पर विदेशी महतो ,धनेश्वर महतो ,श्रीधर महतो, प्रदीप महतो ,बबलू कुमार महतो, विकास कुमार महतो, राजीव कुमार महतो, रंजीत कुमार महतो ,युधिष्ठिर महतो, भीम महतो, अजय महतो ,रास रंजन महतो, समीर चंद्र महतो ,देव शरण महतो, पंकज महतो, विकास कुमार महतो, मुकेश महतो, वीरेंद्र नाथ महतो, सुभाष चंद्र महतो ,समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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