अब खेतों में सिंचाई के पानी और पेयजल को भी नहीं बक्श रहे हैं हाइटेक कम्पनी…
(सुदेश कुमार)सरायकेला- खरसावां जिले के चाण्डिल प्रखंड के काड़ाधारा गांव में भू माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। कहीं खेतिहर जमीन को आवासीय बनाकर बेचने का खेती विरोधी कार्य किया जा रहा है तो कहीं रैयत की जमीन के साथ साथ सरकारी जमीन को भी अपना बनाने काम बदस्तूर जारी है। एक ऐसा ही मामला एक बार फिर से तमोलिया पंचायत के काड़ाधारा गांव जहाँ प्रस्तावित हाईटेक कंपनी के नाम से 20 से 40 एकड़ जमीन की घेराबंदी की जा रही है। इसके लिए ना तो ग्रामसभा किया गया है। और ना ही स्थानीय ग्रामीणों से किसी भी प्रकार की बातचीत। वही तामोलिया पंचायत के उप मुखिया बुद्धेश्वर गोराई बताते हैं कि घेराबंदी में तथाकथित हाईटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सरकारी जमीन के साथ-साथ प्रसिद्ध सतनाला-कपाली पेयजल योजना कैनाल को भी अपने कब्जे में कर लिया गया है। जिससे पेयजल सहित संबंधित कृषि क्षेत्र को भी सिंचाई के लिए पानी की किल्लत हो सकती है। उन्होंने पूरे मामले में जिला प्रशासन से मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।
जाने सतनाला-कपाली कैनाल को :-
स्वर्णरेखा परियोजना के तहत वर्ष 1986 में स्थानीय जन के हित को देखते हुए करोड़ो की लागत से महत्वाकांक्षी सतनाला-कपाली कैनाल का निर्माण कराया गया था। जिसका लाभ भी वर्तमान में क्षेत्र को प्राप्त हो रहा है। इसके तहत एक ओर जहां पुड़िसिली, तामोलिया एवं कपाली क्षेत्र के बड़े कृषि भाग पर इस कैनाल के माध्यम से सिंचाई के कार्य किए जा रहे हैं। वही कपाली नगर परिषद क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए कैनाल के जल का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के छोटी-बड़ी कंपनियों को भी उक्त कैनाल के माध्यम से जल की आपूर्ति की जायेगी। ऐसे में परियोजना के महत्वपूर्ण कैनाल की हाइटेक प्राईवेट लिमिटेड के द्वारा घेराबंदी पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं।