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स्वावलंबी झारखण्ड माईक्रोवेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर (एस.जे.एम.डी.सी.) ने स्वावलंबी भारत अभियान के तहत उद्यमिता दिवस के अवसर पर 12वें मेगा ऋण वितरण कार्यक्रम में 85 जरूरतमंद महिलाओं के बीच वितरित किया 26 लाख रूपये…

जमशेदपुर:नवीन प्रधान

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स्वावलंबी झारखण्ड माईक्रोवेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर (एस.जे.एम.डी.सी.) के द्वारा स्वावलंबी भारत अभियान के तहत 21 अगस्त को मनाये जा रहे उद्यमिता दिवस के अवसर पर 12वें मेगा लघुऋण वितरण कार्यक्रम का आयोजन तुलसी भवन, बिष्टुपुर में किया गया जिसमें 85 जरूरतमंद महिलाओं के बीच लघु एवं घरेलू व्यवसाय शुरू करने या जो महिलायें पहले से अपने व्यवसाय में लगी हुई हैं उन्हें आगे बढ़ाने के लिये 26 लाख रूपये का वितरण किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जमशेदपुर के सांसद विद्युतवरण एवं विशिष्ट अतिथि जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेमरंजन तथा समाजसेवी सह उद्यमी उदित अग्रवाल तथा उपस्थित सदस्यों का स्वागत करते हुये सेंटर के निदेशक अशोक गोयल ने कहा।

इस अवसर पर विषय प्रवेश करते हुये सेंटर के अन्य निदेशक तथा खादी ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार के पूर्वी क्षेत्र के सदस्य मनोज कुमार ने कहा कि आज महिलायें देश की जनसंख्या की आधी आबादी है। देश को अगर तरक्की करना है तो आधी आबादी को स्वावलंबी बनाना होगा। आज बच्चों को नौकरी पाने के लिये प्रेरित न करें बल्कि लर्न के सार्थ अर्न करने के लिये प्रेरित करेे। अर्थात पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार करने के लिये प्रेरित करें। जिससे वे देश की जीडीपी में भी योगदान कर सकें और देश के माननीय प्रधानमंत्री के सपने जो अगले पांच वर्ष में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर आगे बढ़ सकें।

मुख्य अतिथि सांसद विद्युत वरणमहतो ने कहा स्वावलंबी झारखण्ड माईक्रोवेलफेयर डेवलपमेंट अपने स्थापना काल से जो कार्य महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये कर रही है वह सराहनीय है। महिलायें इससे देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड राज्य के कोल्हान में देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी अच्छा तसर का उत्पादन होता है। अगर महिलाओं को इस तरह के वित्तीय मदद प्रदान करें तो वे काफी आगे बढ़ सकती है।

विशिष्ट अतिथि जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेमरंजन ने उपस्थित सदस्यों को संबोधित करते हुये कहा कि स्वावलंबी झारखण्ड के द्वारा यह साकारात्मक पहल है। इसके साथ ही सेंटर को महिलाओं के उत्पादन को बाजार देने की जरूरत है। जबसे मशीनरी युग आया है तब से हमारे हैण्डलूम उद्योग समाप्ति की ओर हैं जो अच्छे गुणवत्ता और मानक के उत्पादन किया करते थे जिसकी मांग विदेशों में भी होती थी। हमें इसे बचाने की जरूरत है। हमें अच्छे गुणवत्ता के माल के उत्पादन पर फिर से ध्यान देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर अतिथि के रूप में उपस्थित विदित अग्रवाल ने कहा उद्यमिता दिवस के अवसर पर सभी का स्वागत करते हुये अपने संबोधन में कहा कि माइक्रो फायनेंस के द्वारा महिलाओं को उद्यमिता की राह दिखाने के लिये लिये बधाई देता हूं। विकास के लिये आज एक अच्छा माध्यम बन चुका है। अगर हम इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करें तो इससे और ज्यादा फायदा मिल सकता है और सिबिल से जोड़ दे ंतो महिलाओं को क्रेडिट स्कोर बनाने में मदद मिलेगी। आज बैंक और केन्द्र सरकार भी इस ओर ध्यान दे रही है। इससे देश के अधिकांश गरीबों को गरीबी रेखा से उपर उठाने में सफल रहे हैं।

मुख्य वक्ता बिहार से आये स्वदेशी जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठक अजय उपाध्याय ने कहा कि हम स्वावलंबी भारत अभियान के तहत एक नया भारत बनाने निकले हैं जिसमें हमारी महिला शक्ति काफी महत्वपूर्ण है जिसे हम स्वावलंबी झारखण्ड जैसे संस्थाओं की मदद से ही आगे बढ़ा सकते है। देश में चीनी समानों का बोलबाला बढ़ गया है। जिसे कम करने के लिये हमें अच्छी गुणवत्ता और सस्ते दर के स्वदेशी उत्पाद लोगों के लिये उपलब्ध करवाने की जरूरत है। स्वावलंबी झारखण्ड के इस प्रकल्प के माध्यम से लगभग चार हजार परिवारों को आर्थिक मदद मिली है यह एक सराहनीय कदम है।

सेंटर के निदेशक बंदेशंकर सिंह ने कहा कि कहा कि हम महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भर भारत के जिस उद्देश्य से निकले थे उसे समाज के प्रबुद्धजनों और दानदाताओं के सहयोग लगातार हमें मिलता रहा है। उन्होंने बताया कि हमने अपना यह अभियान ‘‘स्वावलंबी झारखण्ड माइक्रोवेलफेयर डेवलपमेंट सेंटर (ैश्रडक्ब्द्धष्ष् के नाम से से 4 जुलाई, 2012 को इसका उद्घाटन किया था। और अब तक ैश्रडक्ब् के द्वारा लगभग 3900 महिला लाभुकों को इससे जोड़ते हुये लगभग 8 करोड़ रूपये से अधिक लघु़ऋण के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जा चुका है। और ये महिलायें इस ऋण के माध्यम से सूक्ष्म एवं लघु व्यवसाय कर रही है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में सेंटर के चेयरमैन मुरलीधर केडिया ने कहा कि यह प्रकल्प महिलाओं को सशक्त बनाने का अच्छा माध्यम बना है जो ग्यारह वर्षों से प्रगति की राह पर है। सेंटर द्वारा चलाये जा इस प्रकल्प के माध्यम से महिलायें समाज को एक नई दिशा प्रदान कर रही है। इस प्रकल्प को चलाने में जमशेदपुर के प्रबुद्ध और सक्षम वर्ग ने भी अपना सहयोग हमें दिया है। उन्होंने लाभुक महिलाओं को संबोधित करते हुये कहा कि वे इस लघु़़ऋण का उपयोग वे अपनी घरेलू कार्यों में न कर छोटे व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बनकर समाज के अन्य महिलाओं को इसके लिये प्रेरित करें।

कार्यक्रम में मंच संचालन स्वावलंबी भारत अभियान के जमशेदपुर समन्वयक पंकज सिंह ने किया। तथा अंत में स्वदेशी जागरण मंच के विभाग सहसंयोजक राजकुमार साह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुये कार्यक्रम समाप्त की।

इस अवसर चाईबासा के पूर्व विधायक जवाहर बानरा, स्वदेशी जागरण मंच की जिला संयोजिका राजपति देवी, संघ के महानगर कार्यवाह रविन्द्र नारायण, प्रकाश मेहता, जटाशंकर पांडे, जे.के. एम राजू, डा0 अनिल राय, आशुतोष राय, बबलू नायक, लोकनाथ साहू, संजीत प्रमाणिक, मुकेश ठाकुर, दिलीप अग्रवाल, उमेश पांडे, अनिता सिंह, कंचन सिंह, मधुलिका मेहता, अरविन्दर कौर, किरणजीत कौर, गुरजीत सिंह, रवि मिश्रा, अमर सिंह, मुकेश भदानी, सुनील गुप्ता, अभिषेक बजाज, आदर्श कुमार, देव कुमार, प्रताप कटियार, सूर्यप्रताप सिंह, कौशल किशोर, के अलावा काफी संख्या में महिला सदस्य उपस्थित थी।

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