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सरायकेला : सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में मातृ सम्मेलन-2023 का हुआ आयोजन।

सरायकेला ,रिपोर्ट – संजय कुमार मिश्रा : – सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में मातृ सम्मेलन-2023 का आयोजन किया गया। मौके पर अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। विद्यालय की छात्रा खुशी ग्वाला ने नृत्य सह स्वागत गीत प्रस्तुत किए। प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष रमानाथ आचार्य ने माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मातृ सम्मेलन विद्या भारती का अंग है। छात्र-छात्राओं के विकास में माता का योगदान सर्वोपरि होता है। माताएं बच्चों का सुनहरा भविष्य निर्माण करती हैं। हमारा विद्यालय भारतीय संस्कृति आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्प बद्ध है। समाज में शिशु मंदिर की एक अलग पहचान है। बच्चों के शिक्षा गर्भावस्था से ही प्रारंभ हो जाता है, जिसमें माता की भूमिका सर्वोपरि है। माता संस्कार की प्रतिमूर्ति हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। मां की गोद बच्चों के लिए स्वर्ग से कम नहीं। मां एक ऐसा रूप है जो परमात्मा को आत्मा के रूप में बच्चों में प्रवेश करती है। बच्चों को शिक्षा प्रदान करना मां की पहली जिम्मेदारी होती है। बच्चों की पहली पाठशाला माता है। अपना पारिवारिक कर्तव्य निभाने के साथ-साथ बच्चों का पालन पोषण एवं संस्कार देना माता की अपनी जिम्मेदारी होती है। हम वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वास करते हैं। बच्चों के व्यवहार पर माता-पिता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विद्यालय की उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा कि इस बार दसवीं बोर्ड की परीक्षा में हमारे विद्यालय के बच्चे पूरे राज्य में विशेष स्थान रखने में सफलता मिली है। और कोल्हान प्रमंडल में हम दस में से सात स्थान प्राप्त किए हैं। विद्यालय की छात्रा दीपिका सिंह ओलंपियाड प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कृत हुई हैं। इस बार हमारे विद्यालय में कक्षा 11वीं और 12वीं की भी शुरुआत होने जा रही है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के बारे में भी चर्चाएं की गई। तत्पश्चात उपस्थित माताओं के बीच कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें शंख वादन, रंगोली प्रतियोगिता, संगीत प्रतियोगिता और म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता शामिल रहे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले माताओं को विद्यालय की ओर से पुरस्कृत भी किया गया। शंख वादन प्रतियोगिता में माता दुर्गावती देवी प्रथम, पिंकी देवी द्वितीय एवं पलो हेंब्रम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संगीत प्रतियोगिता में अनु भूपत प्रथम स्थान, सविता पति द्वितीय स्थान तथा रेखा मुर्मू तृतीय स्थान प्राप्त किए। म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में माला दत्त प्रथम, सरिता देवी द्वितीय एवं गीता मिश्रा तृतीय स्थान प्राप्त किए। रंगोली प्रतियोगिता में संध्या देवी प्रथम, सुनीता मोदक और रुपाश्री मंडल ने द्वितीय और रूपाली आचार्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किए। शिक्षिका शालिनी के द्वारा मंच संचालन किया गया। उप प्रधानाचार्य तुषारकांत पति ने धन्यवाद ज्ञापन किए। इस अवसर पर उपाध्यक्ष विषकेशन सतपथी, कोषाध्यक्ष प्रसाद महतो, सदस्य एवं मार्गदर्शक गुरुचरण महतो, चिरंजीवी महापात्र, आदित्य दुबे, प्रकाश आचार्य, श्रीमती उर्मिला महापात्र, श्रीमती शीला सतपथी, उप प्रधानाचार्य तुषारकांत पति के साथ सभी शिक्षक शिक्षिकाएं एवं अभिभावक माताएं उपस्थित रहे।सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में मातृ सम्मेलन-2023 का हुआ आयोजन।

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सरायकेला। सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में मातृ सम्मेलन-2023 का आयोजन किया गया। मौके पर अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया गया। विद्यालय की छात्रा खुशी ग्वाला ने नृत्य सह स्वागत गीत प्रस्तुत किए। प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष रमानाथ आचार्य ने माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मातृ सम्मेलन विद्या भारती का अंग है। छात्र-छात्राओं के विकास में माता का योगदान सर्वोपरि होता है। माताएं बच्चों का सुनहरा भविष्य निर्माण करती हैं। हमारा विद्यालय भारतीय संस्कृति आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए संकल्प बद्ध है। समाज में शिशु मंदिर की एक अलग पहचान है। बच्चों के शिक्षा गर्भावस्था से ही प्रारंभ हो जाता है, जिसमें माता की भूमिका सर्वोपरि है। माता संस्कार की प्रतिमूर्ति हैं। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। मां की गोद बच्चों के लिए स्वर्ग से कम नहीं। मां एक ऐसा रूप है जो परमात्मा को आत्मा के रूप में बच्चों में प्रवेश करती है। बच्चों को शिक्षा प्रदान करना मां की पहली जिम्मेदारी होती है। बच्चों की पहली पाठशाला माता है। अपना पारिवारिक कर्तव्य निभाने के साथ-साथ बच्चों का पालन पोषण एवं संस्कार देना माता की अपनी जिम्मेदारी होती है। हम वसुधैव कुटुंबकम पर विश्वास करते हैं। बच्चों के व्यवहार पर माता-पिता को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। विद्यालय की उपलब्धि बताते हुए उन्होंने कहा कि इस बार दसवीं बोर्ड की परीक्षा में हमारे विद्यालय के बच्चे पूरे राज्य में विशेष स्थान रखने में सफलता मिली है। और कोल्हान प्रमंडल में हम दस में से सात स्थान प्राप्त किए हैं। विद्यालय की छात्रा दीपिका सिंह ओलंपियाड प्रतियोगिता में मुख्यमंत्री के हाथों पुरस्कृत हुई हैं। इस बार हमारे विद्यालय में कक्षा 11वीं और 12वीं की भी शुरुआत होने जा रही है। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के बारे में भी चर्चाएं की गई। तत्पश्चात उपस्थित माताओं के बीच कई तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें शंख वादन, रंगोली प्रतियोगिता, संगीत प्रतियोगिता और म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता शामिल रहे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले माताओं को विद्यालय की ओर से पुरस्कृत भी किया गया। शंख वादन प्रतियोगिता में माता दुर्गावती देवी प्रथम, पिंकी देवी द्वितीय एवं पलो हेंब्रम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। संगीत प्रतियोगिता में अनु भूपत प्रथम स्थान, सविता पति द्वितीय स्थान तथा रेखा मुर्मू तृतीय स्थान प्राप्त किए। म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता में माला दत्त प्रथम, सरिता देवी द्वितीय एवं गीता मिश्रा तृतीय स्थान प्राप्त किए। रंगोली प्रतियोगिता में संध्या देवी प्रथम, सुनीता मोदक और रुपाश्री मंडल ने द्वितीय और रूपाली आचार्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किए। शिक्षिका शालिनी के द्वारा मंच संचालन किया गया। उप प्रधानाचार्य तुषारकांत पति ने धन्यवाद ज्ञापन किए। इस अवसर पर उपाध्यक्ष विषकेशन सतपथी, कोषाध्यक्ष प्रसाद महतो, सदस्य एवं मार्गदर्शक गुरुचरण महतो, चिरंजीवी महापात्र, आदित्य दुबे, प्रकाश आचार्य, श्रीमती उर्मिला महापात्र, श्रीमती शीला सतपथी, उप प्रधानाचार्य तुषारकांत पति के साथ सभी शिक्षक शिक्षिकाएं एवं अभिभावक माताएं उपस्थित रहे।

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