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इस सावन भी बाबा बैद्यनाथ के दर्शन भक्तों को होने की संभावना है कम।

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 संथाल – धार्मिक मान्यता अनुसार भगवान भोलेनाथ को समर्पित और वर्ष का सबसे पावन महीना सावन के आने का काउंट डाउन शुरू हो गया है। झारखंड की धरती पर बाबा बैद्यनाथ की बाबा धाम की यात्रा को लेकर शिव भक्तों में उल्लास  है। परंतु इसके साथ ही कोरोना संक्रमण का भय और इसके फैलने का खतरा को लेकर राज्य सरकार भी चिंतित नजर आ रही है। जैसा कि मालूम है सावन का महीना शुरू होते ही शिव भक्तों के हर कदम देवघर स्थित बाबा धाम की ओर निकल पड़ता है। जहां राज्य सहित देश भर से और विदेशों से भी श्रद्धालु शिवभक्त बाबा बैद्यनाथ के दर्शन करने और पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। अमूमन इस दौरान उमड़ने वाली भक्तों की भीड़ को देखते हुए झारखंड सरकार जल्द ही इस वर्ष सावन के महीने में बाबा बैद्यनाथ मंदिर भक्तों के पहुंचकर पूजा अर्चना करने पर निर्णय ले सकती है।
इसे लेकर पंडा धर्मरक्षिणी सभा देवघर के प्रतिनिधिमंडल नाची स्थित प्रोजेक्ट भवन पहुंचकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने कहा कि कोविड-19 गाइडलाइन के तहत सीमित संख्या में भक्तों के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर खोलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रहने से पंडा समाज सहित देवघर के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बैद्यनाथ के आशीर्वाद से कोरोना को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल हो रही है। लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। इसलिए कोरोना से संबंधित सभी बातों का आकलन करने के बाद ही राज्य सरकार आम श्रद्धालुओं के लिए मंजिल खोलने को लेकर निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान फिलहाल कोरोना के संक्रमण को नियंत्रित करना है। बताया गया कि पंडा समाज को सहयोग करने की दिशा में सरकार कई कदम उठा रही है, ताकि उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
इधर देवघर प्रशासन द्वारा कोविड-19 गाइडलाइन के तहत बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सारी तैयारियां की गई हैं। जिसके तहत बाबा बैद्यनाथ मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा गया है। साथ ही मंदिर में पारंपरिक प्रातः कालीन और संध्याकालीन श्रृंगार पूजा की अनुमति मंदिर प्रभारी सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहित को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 50% की क्षमता के साथ कराया जा रहा है। बाबा बैद्यनाथ मंदिर में तीर्थयात्री और भक्तों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से परिसर के पूर्वी, पश्चिमी एवं उत्तरी हरिद्वार को बंद रखा गया है। तीर्थ पुरोहितों पंडा का प्रवेश माध्य प्रशासनिक भवन होकर शीघ्र दर्शन के लिए निर्धारित कॉरिडोर से किया जा रहा है। पारंपरिक पूजा और श्रृंगार पूजा के दौरान सीमित संख्या में पंडा एवं पुजारी अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रवेश कर संपन्न करा रहे हैं।

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