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परीक्षा और चुनाव कार्य एक साथ असंभव: कुणाल दास…

सरायकेला: संजय मिश्रा । जेएसएससी द्वारा चुनाव आचार संहिता के बीच ही सहायक आचार्य परीक्षा की तिथि निर्धारित करने के बाद राज्य भर के जेटेट सफल अभ्यर्थी आक्रोशित हैं। इस संदर्भ रविवार को पारा शिक्षक-गैर पारा जेटेट सफल अभ्यर्थी संघ झारखण्ड प्रदेश ने मीडिया के माध्यम से लोकसभा चुनाव के बीच सहायक आचार्य की परीक्षा आयोजित किए जाने पर आपत्ति जताई है। एक प्रेसवार्ता के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल दास ने कहा कि काफ़ी संख्या में ऐसे पारा शिक्षक हैं जिनकी चुनाव प्रशिक्षण 26 अप्रैल को है, जबकि सहायक आचार्य परीक्षा की तिथि 27 अप्रैल को निर्धारित किया गया है।

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ऐसे में बहुत सारे अभ्यर्थी चुनाव कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे। लोकसभा चुनाव के बिज़ी शेड्यूल के बीच परीक्षा तिथि की घोषणा को उन्होंने एक राजनीतिक षड्यंत्र क़रार दिया है। पूरे देश भर में कहीं भी ऐसा नहीं होता है कि चार-पांच दिन पहले एडमिट कार्ड जारी कर परीक्षा आयोजित की जा रही हो। यह ब्यूरोक्रेसी द्वारा सहायक आचार्य पद की सीट बाहरियों को बेचने की साज़िश है।

जेएसएससी लगातार झारखण्डी छात्रों के अधिकारों का हनन करने से बाज़ नहीं आ रही है। चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के बीच परीक्षा आयोजित करने को लेकर जेएसएससी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। श्री दास ने कहा है कि अगर यक़ीनन चुनाव के बीच ही परीक्षा आयोजित होती है तो पारा शिक्षकों को चुनाव कार्य से अलग रखा जाए ताकि वे परीक्षा पर फोकस रख पाएं। अगर परीक्षा की तिथि को आगे नहीं बढ़ाया गया तो राज्य भर के जेटेट सफल अभ्यर्थी जेएसएससी कार्यालय के समक्ष उग्र आन्दोलन करेंगे। जिसकी संपूर्ण जवाबदेही राज्य सरकार की होगी।

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