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बंद पड़े खदानों में बढ़ चढ़कर हो रहा मत्स्य पालन…

उपायुक्त द्वारा अन्य बंद पड़े खदानों को भी चिन्हित कर लोगों को मत्स्य पालन से जोड़ने का दिया गया हैं निर्देश…

रामगढ़:इन्द्रजीत कुमार

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कोयला प्रधान होने के कारण रामगढ़ जिले का बड़ा क्षेत्र खनन कार्य से जुड़ा हैं। खनन कार्यों के दौरान कई बड़े-बड़े गड्ढों का निर्माण होता हैं। जिनकी लंबाई औसतन 12:50 हेक्टेयर क्षेत्रफल के आसपास होती हैं। इन्हीं में एक है मांडू प्रखंड अंतर्गत आरा ग्राम में अवस्थित माइनिंग कोलपिट। मांडू प्रखंड अंतर्गत आरा ग्राम के निवासी शशिकांत महतो द्वारा बंद पड़े। माइनिंग कोलपिट में मत्स्य पालन करने की पहल की गई।

जिसके उपरांत उन्होंने स्थानीय नवयुवकों को भी इसके प्रति जानकारी देकर उन्हें कार्यों से जोड़ा गया। जिला प्रशासन के सहयोग से 200 किलोग्राम मछली की अंगुलिकाएं संचयन करने के उपरांत साल भर में ही मछलियां 800 ग्राम से 1.5 किलोग्राम तक निकलने लगी गई। दूसरे साल तो इनका आकार 2 से 3 किलो तक बढ़ने लगा हैं। यहां से रेहू, कतला, मृगल एवं भारतीय मेजर कॉर्प 10 से 15 किलोग्राम तक निकाले जाते हैं। इसी का परिणाम हैं कि शशिकांत महतो के साथ नवयुवकों की टोली अब समूह बनाकर मत्स्यजीवी सहयोग समिति के तरह कार्य करने लगी हैं।

समूह की मेहनत औंर परिश्रम को देखकर जिला प्रशासन ने इन्हें इंटेंसिव फिश फार्मिंग हेतु 51 केज मत्स्य पालन के लिए केज संरचना बनाकर नई सौगात दी अब इनके द्वारा केज मत्स्य पालन का कार्य प्रारंभ कर दिया गया। इन केजों में लगभग 120 से 180 टन मछलियां वर्तमान में तैयार हैं। केज के अलावे खदान से एक वर्ष में लगभग 5 टन मछलियों का शिकार माही भी करते हैं। जिसे देखकर हर बड़े स्तर पर लोग मत्स्य पालन कर उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं।आधुनिक मत्स्य की में केज मत्स्य पालन एक अधिक लाभ देने वाली तकनीक हैं। परंतु इसी प्रकार बंद खदान में मत्स्य पालन अनूठा हैं।

देश का शायद पहला ही केंद्र होगा। जो कि वैज्ञानिकों को भी पुनः गहरी अनुसंधान के लिए प्रेरित कर रहा हैं। जो हर दावे को झूठा साबित करता हैं कि इस तरह से मत्स्य पालन किया जाना संभव नहीं हैं। आरा क्षेत्र में बंद पड़े माइनिंग कोलपिट में मत्स्य पालन की सफलता को देखते हुए। रामगढ़ जिले के वर्तमान उपायुक्त पदाधिकारी चंदन कुमार द्वारा जिला मत्स्य कार्यालय को अन्य बंद पड़े मीनिंग कुल सीट को भी चिन्हित करने एवं स्थानीय लोगों को मत्स्य पालन के प्रति जागरूक करने एवं उनके रोजगार सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया।

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