जन वितरण प्रणाली के राशन ढुलाई में घपला
हे प्रभु, ये कैसे चल रहा आपका लीला,
गरीबों के अनाज पर डाका…..
सरायकेला। शास्त्रों में कहा गया है कि कलियुग में लालच और फरेब का बोलबाला होगा। जो कलियुग की पहचान साबित करेगी। इसी प्रकार जन वितरण प्रणाली के दुकानों से गरीबों के राशन की कालाबाजारी अखबारों के लिए आम सुर्खियों की तरह बनी हुई है। परंतु जन वितरण प्रणाली की दुकानों के लिए पहुंचाए जा रहे गरीबों के राशन को यदि रास्ते में ही टपाने का काम हो रहा हो तो इस कालाबाजारी का ईश्वर ही मालिक है। इसका ताजा मामला चांडिल प्रखंड अंतर्गत कांदरबेड़ा-पुड़िसिली मार्ग पर गितिलबेड़ा पहाड़ी के समीप शुक्रवार को नजारे के रूप में देखा गया। जहां जन वितरण प्रणाली के सामग्री आपूर्ति का बैनर लगाए जेएच-05 सीएफ-8347 संख्या वाली एक मालवाहक 407 वाहन से वाहन में लदे गेहूं एवं चावल के बोरो की हेरा फेरी की जा रही थी।
पूछे जाने पर वाहन चालक ने अपना नाम धर्मेंद्र बताते हुए जानकारी दी कि गाड़ी में 83 बोरा चावल और 72 बोरा गेहूं लोड है। जो चाकुलिया के साधु महतो की गाड़ी है।
चावल एवं गेहूं बोरा को इधर-उधर किए जाने के संबंध में पूछने पर चालक धर्मेंद्र ने हिचकिचाते हुए बताया कि चावल की बोरी गिर गया था उठा कर रख रहे है केविन में रखने का काम किया जा रहा है।
चलिये इस बात को मान लेते है पर कई सवाल के घेरे में है …
1- चावल का गोदाम चांडिल अनुमंडल में स्थित हैं ।
2- कपाली तरनी सिंह का राशन दुकान की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है ।
3- वर्तमान में 20 किलोमीटर की दूरी की सड़क में गोलचक्कर से लेकर कालियाडीह तक यानी आधा किलोमीटर की दूरी की सड़क खराब है । जहां चावल की बोरी गिरने की संभावना बनी रहती है ।
4- चावल की बोरी सुन्दर और चिकनी सड़क पर जंगल के किनारे खड़ी गाडी से चावल की बोरी गिर जाता है ।
वनांचल 24 Tv live.com आपने पाठक से पुछ रहा है कि कैमरा झुठा बोल रहा या चालक सही बोल रहा …
कि गरीबों का आनाज संबंधित पदाधिकारी के इसारे पर घपला तो होता ही रह है। पर अब चालक भी गरीब की आनाज का हेराफेरी करने में जुटी है ….
यह कहना सत्य होगा ….
अपनों ने लूटा गैरों में दम कहाँ दम था, मेरी कस्ती वहीं डुबी जहाँ पानी कम था…..
हालांकि इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी कुमारी गीतांजलि से संपर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि मामले की पूरी जांच की जाएगी।
सवाल गरीब के हक और अधिकार मांगे जाने पर जांच और FIR की अग्नि परीक्षा से क्यों गुजरनी पड़ती है …..