सरायकेला-खरसावां (संजय मिश्रा) देखा जाता है कि वात्सल्य प्रेम की भाषा बेजुबान जानवरों में भी अब तक कायम है। जबकि कई मामलों में मानव जाति के वात्सल्य प्रेम पर अब कलियुगी छाया छाने लगा है।
ऐसा ही एक नजारा बुधवार को सरायकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम के समीप देखा गया। जहां स्वतंत्रता दिवस को लेकर साफ सफाई के कार्य में लगे महिला मजदूरों ने दो भटकते हुए बालकों को देख कर अपने स्थानीय हो भाषा में उनके भटकने का कारण पूछा। तो ऐसा दर्द छलका जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल हो रहा था। महिला मजदूरों ने जब उक्त घटना की सूचना साथ में खड़े नगर पंचायत के सफाई सुपरवाइजर बबन सिंह को दी। तो बबन सिंह ने तत्काल इसकी सूचना सरायकेला थाने के बालमित्र थाना प्रभारी खुर्शीद आलम को दी।
जिसके बाद तत्काल बालमित्र थाना प्रभारी बिरसा मुंडा स्टेडियम के समीप पहुंचकर भटकते बच्चों से मिलते हुए उनका हाल जाना। इसी दौरान रास्ते से गुजरते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सानंद आचार्य उर्फ टिलू ने मामले की जानकारी ली। और दो दिन से भूखे दोनों बच्चों के लिए तुरंत भोजन की व्यवस्था कराते हुए भोजन करवाया। इसके साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी इस विषय में सूचित करते हुए बच्चों के लिए सुरक्षित व्यवस्था किए जाने की मांग की। मौके पर उन्होंने कहा कि दोनों बालकों को नियमानुसार सरकारी संरक्षण देते हुए यदि आवश्यकता हो तो परिस्थिति का आकलन कर उनके मामा को सौंपा जाए। इसके साथ ही अपनी संतानों के साथ ऐसा कृत्य करने वाले तथाकथित माता पिता के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
दर्द जो बच्चों के जबान से छलका :-
दोनों सौतेले भाई एक 11 वर्ष का और दूसरा 5 वर्ष का। दोनों ने बताया कि आदित्यपुर के वास्कोनगर निवासी उक्त दोनों बालकों के पिता ने तीन शादियां की। जिनमें से 11 वर्षीय बालक अपने पिता के पहली पत्नी की संतान है। जिसके माता का स्वर्गवास हो चुका है। वह अपनी माता का नाम भी नहीं बता पा रहा। इसी प्रकार 5 वर्षीय बालक भी अपने माता के विषय में सही तरीके से नहीं बता पा रहा। दोनों ने बताया कि काम कराने के नाम पर माता और साथ में कभी-कभी पिता भी शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं। जिसे लेकर बच्चों ने अपने शरीर पर मारपीट के जख्मों को भी दिखाया। उन्होंने बताया कि विगत 2 दिनों से उन्हें कुछ भी नहीं खाया है। इसी प्रताड़ना से तंग आकर साइकिल लेकर घर से मामा के घर गोइलकेरा जाने के लिए भाग निकले हैं।
सरायकेला में मिली बच्चों को सुरक्षा एवं संरक्षा :-
मौके पर पहुंचे चाइल्डलाइन के विकास दारोगा पूरे मामले में साथ साथ रहे। इस दौरान दोनों बच्चों को अपनी संरक्षा में लेते हुए बालमित्र थाना प्रभारी ने उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसके बाद दोनों बच्चों को आगे की कार्रवाई तक के लिए चाइल्डलाइन के संरक्षण में रखा गया है।