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सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला में हिंदू नव वर्ष अभिनंदन समारोह का हुआ आयोजन…

सरायकेला:संजय मिश्रा

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सरायकेला। चैत्र माह शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि मंगलवार को सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय सरायकेला के शांतिकुंज में नव वर्ष के उपलक्ष्य में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। प्रातः 7:00 बजे से कक्षा षष्ठ से दशम तक के छात्र-छात्राओं के द्वारा प्रातः कालीन नगर भ्रमण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। नगर भ्रमण के पश्चात विद्यालय के शांतिकुंज में प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य की अध्यक्षता में नव वर्ष के उपलक्ष्य में कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य के द्वारा दीप प्रज्वलन एवं भारत माता का पूजन कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के द्वारा देशभक्ति गीत और विभिन्न भाषाओं में अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। विद्यालय के शिक्षक शिक्षिका शालिनी, अरुण और ब्रिजेश ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी। शिक्षक ब्रजेश ने स्वरचित कविता पाठ कर छात्र-छात्राओं का मन मोह लिया।

अपने शुभकामना संदेश में उप प्रधानाचार्य तुषार कांत पति ने सभी को बधाई देते हुए कहा कि नव वर्ष में नए समय का संचार होता है। इस समय प्रकृति भी तरह-तरह के फूलों से अपना श्रृंगार कर लेती हैं। इस तरह सभी छात्र-छात्राओं को भी नए आचार, विचार, संस्कार, नई सोच, नई उमंग के साथ वर्ष की शुरुआत करनी चाहिए।

विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं को नववर्ष की शुभकामना देते हुए कहा कि आज ही के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी। आज वह ऐतिहासिक महान दिन है जिसमें महाराज विक्रमादित्य ने शकों को पराजित कर विक्रम संवत की शुरुआत की थी। आज ही के दिन ब्रह्मा जी के द्वारा पृथ्वी की संरचना की शुरुआत की गई थी। आज से नवरात्रि का शुभारंभ भी होता है।

नवरात्र का तात्पर्य नव कलेवर के साथ नई शक्ति का संचार करके नए सिरे से नई सोच और विचार के साथ कर्त्तव्य पथ पर आगे बढ़ाना है। पुरानी बातों को भूलकर आज नव निर्माण का समय है। समाज में अपने आप को प्रतिष्ठित करने का शुभ अवसर प्रदान करता है। इसलिए हम सभी का कर्तव्य बनता है कि नववर्ष के उपलक्ष्य में समाज में नई चेतना को जागृत करें। राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

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